रतिया मंडी में कच्ची लेबर यूनियन ने शुरू की हड़ताल
धान सीधे शैलरों में भेजने का आरोप, बोले- मजदूरों को नहीं मिल रहा काम
रतिया की अनाज मंडी में मार्केट कमेटी कार्यालय के बाहर हड़ताल पर बैठे कच्ची लेबर यूनियन के सदस्य। -निस
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मंडी में काम करने वाली कच्ची लेबर यूनियन के मजदूरों को नियमित रूप से काम न दिए जाने से आक्रोशित सैंकड़ों मजदूरों ने मंडी में हड़ताल करते हुए मार्केट कमेटी कार्यालय के बाहर धरना शुरू कर दिया। कच्ची लेबर यूनियन के प्रधान जिले सिंह के नेतृत्व में मार्केट कमेटी कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे मजदूरों का आरोप था कि किसानों के धान को सीधा शैलरों में भेजा जा रहा है, जबकि मंडी में मजदूर काम की इंतजार में बैठे हैं। कच्ची लेबर यूनियन के मजदूरों में शामिल अध्यक्ष के अलावा सुखा सिंह, कृष्ण सिंह, नथिया, सैदा सिंह, वकील सिंह, हरपाल सिंह, रोही राम, जस्सा सिंह, संजय कुमार, छिंदा, जगबीर सिंह, संदूर सिंह, जोगिंद्र सिंह व मनदीप सिंह ने कहा कि पिछले काफी समय से रतिया मंडी में हर सीजन में किसानों का धान सीधा ट्राॅलियों द्वारा फरसी कंंडा लगाकर शैलरों में डलवाया जाता है। इससे न केवल किसानों को बड़े स्तर पर काट लगाई जाती है, बल्कि मार्केट कमेटी के राज्यस्व को भी नुकसान पहुंचाता है। धान सीधा शैलर में जाने के कारण मजदूरों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है, क्योंकि इसमें जोकि धान की सफाई, भारवाई व उतराई होती है, उसका नुकसान होता है। उन्होंने बताया कि वह स्थानीय अधिकरियों से लेकर उच्च अधिकारियों तक गुहार लगा चुके है कि किसानों के धान की ट्रॉली सीधे मंडी में आनी चाहिए, ताकि मजदूरों को सफाई, उतराई व भरवाई का काम मिल सके और उनकी रोजी-रोटी चल सके। उन्होंने धरने का ऐलान करते हुए कहा कि जब तक उन्हें नियमित काम नहीं दिया जाता, तब तक उनकी हड़ताल व धरना जारी रहेगा। हालांकि पहले ही मार्केट कमेटी के सचिव राज कुमार ने व्यापार मंडल के अध्यक्ष रूप गर्ग व अन्य प्रतिनिधियों से चर्चा करते हुए उन्हें अपने स्तर पर ही मजदूरों की समस्या का समाधान करने का आह्वान कर चुके हैं। इधर, मार्केट कमेटी के सचिव राज कुमार से जानकारी ली तो उन्होंने पहले तो शैलरों में सीधा धान भेजने के आरोपों को नाकार दिया और कहा कि सभी किसानों का सरकार के मापदंड के तहत धान मंडी में ही आ रहा है। उन्होंने बताया कि मजदूरों की समस्या का समाधान करने के लिए व्यापार मंडल के प्रतिनिधियों से चर्चा चल रही है और जल्दी ही समस्या का समाधान कर दिया जाएगा।
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