Tribune
PT
Subscribe To Print Edition About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

उपायुक्त को ज्ञापन सौंपकर अधिग्रहण के खिलाफ उठाई आवाज

शंकर गिरी कॉलोनीवासियों ने नहरी भूमि के दावे पर सर्वे की मांग की

  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
featured-img featured-img
भिवानी में बृहस्पतिवार को उपायुक्त को ज्ञापन सौंपने जाते शंकर गिरी कॉलोनीवासी।- हप्र
Advertisement
भिवानी के स्थानीय हालुवास गेट पर रेलवे फाटक के नजदीक स्थित शंकर गिरी कॉलोनी के निवासियों ने रेलवे विभाग द्वारा अपनी जमीन के अधिग्रहण के खिलाफ आवाज उठाई है। क्षेत्रवासियों ने जिला उपायुक्त को एक लिखित याचिका सौंपकर जमीन के दोबारा सर्वे की मांग की है, ताकि उनकी दशकों पुरानी आवासीय बस्ती को बचाया जा सके।

बृहस्पतिवार को उपायुक्त को ज्ञापन सौंपने पहुंचे सुरेश शर्मा, अधिवक्ता पवन गौतम, संदीप सिंघल, सचिन शर्मा, अन्नु सोनी, अभिषेक मित्तल, सुमित दहिया, शुभम, बाबूलाल सोनी, बिजेंद्र, सुमित, सतबीर जांगड़ा, हरिओम सहित अन्य ने बताया कि मामला खसरा संख्या 145 और 146 से संबंधित है, जिसे रेलवे विभाग द्वारा नहरी भूमि बताकर अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की गई है।

Advertisement

अधिग्रहण के खिलाफ रेलेव विभाग ने जारी किया था नोटिस

उन्होंने बताया कि रेलवे विभाग ने 13 अप्रैल 2025 को एक गजट नोटिफिकेशन जारी किया था, जिसमें केवल खसरा संख्या का उल्लेख था। इसके बाद 15 अक्तूबर को एक और नोटिफिकेशन जारी किया गया, जिसमें कॉलोनी के निवासियों के नाम प्रकाशित किए गए, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि उनकी आवासीय कॉलोनी अधिग्रहण की जद में है।

Advertisement

इस मौके पर कॉलोनी वासियों का दावा है कि कॉलोनी दशकों से बसी हुई है और पूरी तरह से आवासीय है। इसमें प्राचीन बाबा जहरगिरी मंदिर, लिटिल हार्ट पब्लिक स्कूल, और प्रसिद्ध बंसी लाल पार्क जैसे महत्वपूर्ण स्थान शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि क्षेत्रवासियों के पास घरों की रजिस्ट्री, इंतकाल, नक्शा, पानी के बिल और बिजली के कनेक्शन जैसे सभी वैध दस्तावेज मौजूद हैं। कॉलोनी के अधिकांश घरों पर बैंक ऋण लिए गए हैं। निवासियों का तर्क है कि अगर यह जमीन वास्तव में अवैध या सरकारी नहरी भूमि होती तो बैंक इन घरों पर ऋण नहीं देते।

क्षेत्रवासियों ने कहा है कि रेलवे लाइन से 45 फीट की दूरी पर पहले से ही एक खंभा (पिलर) है और अधिग्रहण की कार्रवाई इस खंभे से लगभग 27.5 फीट और जमीन को एक्वायर करने की है। इसके विपरीत उनका सुझाव है कि रेलवे लाइन के दक्षिण-पश्चिम दिशा में बहुत जमीन खाली पड़ी है, जिसे अधिग्रहण करके भी परियोजना को पूरा किया जा सकता है।

कॉलोनी वासियों ने उपायुक्त से जल्द से जल्द इस मामले में हस्तक्षेप करने और दोबारा सर्वे की रिक्वेस्ट को अमल में लाने की मांग की है।

भूमि अधिग्रहण संघर्ष समिति के कई नेता हिरासत में, कुछ हुए भूमिगत

Advertisement
×