क्षेत्र में बांग्लादेशी नागरिकों की मौजूदगी की सूचना पर जिला पुलिस और गुप्तचर विभाग ने संयुक्त अभियान चलाया। इस सर्च ऑपरेशन के दौरान कैमला, कोहंड, पुंडरी, बरसत, कलहेड़ी और आसपास के क्षेत्रों से कुल 17 लोगों को पकड़ा गया है, जिनमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। पुलिस ने इन्हें डिटेन कर करनाल मुख्यालय भेजा है, जहां दस्तावेजों की जांच की जा रही है।शुरुआती जांच में सूत्रों ने बताया कि इनमें से लगभग 12 से 13 लोग बांग्लादेशी हो सकते हैं। दस्तावेजों की पुष्टि के बाद इनकी नागरिकता तय होगी और फिर डिपोर्ट करने या अन्य कानूनी कार्रवाई का निर्णय लिया जाएगा। साथ ही वे फैक्टरी मालिक भी सवालों के घेरे में है, जिन्होंने बिना पुलिस को जानकारी दिए, प्रवासियों को काम पर रखा।हरियाणा सरकार और पुलिस विभाग के उच्चाधिकारियों को घरौंडा क्षेत्र में संदिग्ध बांग्लादेशियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी। इन इनपुट्स के आधार पर गुप्तचर विभाग ने पहले कई स्थानों पर निगरानी रखी और फिर जिला पुलिस के साथ मिलकर दबिश दी गई। बरसत गांव से 3 व्यक्ति, जिनमें एक महिला भी शामिल है। पुंडरी से 6 व्यक्ति, कोहंड से 3, कलहेड़ी से 2, कैमला से 3, इनमें एक महिला भी शामिल हैपुलिस जांच में सामने आया है कि सभी डिटेन किए गए लोग अलग-अलग फैक्टरियों में काम कर रहे थे। वे यहां लंबे समय से रह रहे थे, लेकिन कोई ठोस पहचान पत्र या वैध दस्तावेज उनके पास नहीं मिले हैं। सूत्रों के अनुसार गुप्तचर विभाग ने पिछले कई दिनों से इन संदिग्ध प्रवासियों पर निगरानी रखी हुई थी। टीमों ने इनकी गतिविधियों, ठिकानों और फैक्टरियों में किए जा रहे कार्यों का बारीकी से अध्ययन किया। जब पूरी योजना बन गई, तो फिर पुलिस टीम के साथ मिलकर एक साथ दबिश दी गई।घरौंडा थाना प्रभारी दीपक कुमार ने बताया कि कुल 17 लोगों को डिटेन किया गया है। इनके दस्तावेजों की जांच की जा रही है। अभी तक इन्हें शक के आधार पर पकड़ा गया है, लेकिन जांच के बाद तय होगा कि कौन बांग्लादेशी है। यदि पुष्टि होती है, तो उन्हें डिपोर्ट किया जाएगा या अन्य कानूनी कार्रवाई होगी।