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Haryana News :निराशा में डूबते कैदियों को रेडियो स्टेशन का सहारा

तिनका तिनका फाउंडेशन ने पानीपत जेल में की थी पहल, बंदी ही बनते हैं जॉकी, फरमाइश पर सुनाते हैं गीत और भजन
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जेल में रेडियो स्टेशन के अंदर का दृश्य। -हप्र
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पानीपत, 15 जनवरी (हप्र)

प्रदेश की आधुनिक जेल में शुमार पानीपत जेल में तिनका तिनका फाउंडेशन ने 16 जनवरी 2021 को जेल रेडियो स्टेशन शुरू किया था। इस रेडियो स्टेशन को अब चार साल पूरे हो चुके हैं और जेल रेडियो पांचवें वर्ष में प्रवेश करने जा रहा है। जेल रेडियो पानीपत जेल में बंद 1400 कैदियों एवं बंदियों के मनोरंजन में सहायक साबित हो रहा है।

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इसके धार्मिक भजन व पुराने फिल्मी गाने सुनकर अब गुमसुम रहने वाले बंदी भी मुस्कराने लगे है। इससे बंदियों के व्यवहार में सकारात्मक बदलाव आ रहा है और यह बंदियों के मानसिक तनाव को कम करने में भी मददगार बना है। जिला जेल में रेडियो संगीत और शिक्षा को भी आवाज दे रहा है। निराशा के सागर में डूब रहे कैदियों के लिए यह रेडियो स्टेशन राहत की उम्मीद बनकर उभरा है। डॉ. वर्तिका नंदा ने जेल रेडियो की स्थापना की थी।

हरियाणा की जेलों में सबसे पहले पानीपत जेल में यह रेडियो स्टेशन स्थापित किया था। जेल रेडियो पर रोजाना सुबह 7 से लेकर 8 बजे तक माता के धार्मिक भजन और सुबह 8 से लेकर 9 बजे तक पुराने फिल्मी गीत चलते है। उसके बाद दोपहर बाद 3 से लेकर शाम 5 बजे तक नये व पुराने फिल्मी गीत चलते है।

जेल रेडियो पर बंदियों की फरमाइश पर भी भजन व फिल्मी गीत सुनाये जाते है। बंदी एक पर्ची पर अपनी पसंद का भजन या गीत लिखकर देते है तो रेडियो जॉकी द्वारा उनको चलाया जाता है। जेल रेडियो की जिम्मेदारी तिनका फाउंडेशन द्वारा बंदियों में से ट्रेनिंग देकर बनाये गये जॉकी संभालते है।

पानीपत जेल रेडियो में अब जॉकी का काम दो बंदी मोहित व लव संभाल रहे है। जॉकी ही धार्मिक भजन व फिल्मी गीत रेडियो स्टेशन पर चलाते हैं और वही जॉकी जेल की लाइब्रेरी की पुस्तकों में से कविताएं पढ़कर रेडियो पर बंदियों को भी सुनाते है।

‘बंदियों के व्यवहार में आया बदलाव’

जेल अधीक्षक संजीव कुमार का कहना है कि जेल रेडियो बंदियों के व्यवहार में सकारात्मक बदलाव लाने में काफी सहायक साबित हुआ है और यह बंदियों के मानसिक तनाव को कम करने में मददगार है। रेडियो पर माता के भजन सुनकर उनमें धार्मिक भावना उत्पन्न होती है। जेल रेडियो पर बंदियों की फरमाइश पर भजन व फिल्मी गीत सुनाने का कार्यक्रम बंदियों को बहुत पसंद आ रहा है।

बंदियों का मानसिक, शारीरिक स्वास्थ्य सुधरा

पानीपत जेल में रेडियो एवं लाइब्रेरी की शुरुआत करने वाली जेल सुधारक व शिक्षाविद् डॉ. वर्तिका नन्दा ने कहा कि कोरोना के दौरान मुलाकातों के अभाव में जेल रेडियो बंदियों के लिए राहत का एक प्रमुख स्रोत बना था।

आज भी यह रेडियो बंदियों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने, उनकी भावनाओं एवं संचार की जरूरतों को पूरा करने में मदद कर रहा हैं। जेल रेडियो का उपयोग अब जेल में साक्षरता और शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए भी किया जाता है।

जेल रेडियो के एक दर्जन से अधिक गाने, चार शोध पत्रों का प्रकाशन, तीन अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन और नेशनल बुक ट्रस्ट (2025) की एक पुस्तक प्रकाशित हुई है। जेल रेडियो के प्रभाव पर एक विस्तृत पुस्तक (रेडियो इन प्रिजन) नेशनल बुक ट्रस्ट ने प्रकाशित की है और इसे फरवरी 2025 में रिलीज किया जाएगा। पानीपत जेल रेडियो के लिये जॉकी बनने का ऑडिशन बृहस्पतिवार को लिया जाएगा।

जेल मंत्री रणजीत चौटाला ने की थी शुरुआत

पानीपत जेल रेडियो का उदघाटन तत्कालीन जेल मंत्री रणजीत चौटाला ने तत्कालीन एसीएस जेल राजीव अरोडा, तत्कालीन जेल महानिदेशक के. सेल्वराज, तत्कालीन जेल अधीक्षक देवी दयाल व फाऊंडेशन की संस्थापक डॉ. वृतिका नन्दा की उपस्थिति में किया था।

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