भारतीय संस्कृति और जीवन मूल्यों को महत्व देते थे पं. दीन दयाल : श्याम सिंह
रादौर की नई अनाज मंडी में आयोजित कार्यक्रम में कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने कहा कि यह सेवा पखवाड़े देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के साथ-साथ महापुरुषों के जन्मदिवस को मनाने के लिये चल जा रहा है। इसके तहत देश व प्रदेश में रक्तदान शिविर, स्वच्छता अभियान, आत्मनिर्भर भारत, पेंटिंग प्रतियोगिता, प्रबुद्ध सम्मेलन, हेल्थ चेकअप व मैराथन आदि कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। कैबिनेट मंत्री राणा ने कहा कि स्वदेशी वस्तुएं अपनाना आज देश की सबसे बड़ी जरूरत है। महात्मा गांधी ने अंग्रेजी शासन का विरोध करने के लिए विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार किया था। उन्होंने बताया कि पं. दीनदयाल उपाध्याय का जन्म एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था, वे पढ़ने-लिखने में बहुत होशियार थे। उनका जीवन संघर्षपूर्ण रहा, क्योंकि छोटी आयु में ही उनके माता-पिता का देहांत हो गया था। अनाथ होने के बाद भी उन्होंने अपने आत्मविश्वास और परिश्रम के बल पर शिक्षा प्राप्त की। दीनदयाल उपाध्याय ने राजनीति शास्त्र में स्नातक और अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर किया। उनके जीवन की सबसे बड़ी विशेषता यह रही कि वे साधारण परिस्थितियों में रहते हुए भी उच्च आदर्शों और मूल्यों को आत्मसात करते रहे। वे हमेशा भारतीय संस्कृति और जीवन मूल्यों को महत्व देते थे। उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़कर अपना पूरा जीवन समाज और राष्ट्र को समर्पित कर दिया। उन्होंने बताया कि पंडित दीन दयाल उपाध्याय की महत्वपूर्ण योजना अंत्योदय जिसका मकसद था कि समाज के प्रत्येक वर्ग के गरीब व्यक्ति को हर योजना का लाभ मिले।
मंत्री राणा ने कहा कि जनसंघ के संस्थापक दीनदयाल उपाध्याय का जन्म 25 सितंबर 1916 को मथुरा में हुआ था। कॉलेज की पढ़ाई पूरी कर 1937 में आरएसएस से जुड़े। जनसंघ की स्थापना के बाद संगठन का काम देखने के लिए उन्हें राजनीति में भेजा गया। 15 वर्ष तक महामंत्री के तौर पर काम करते हुए देश भर में जनसंघ की जड़ें मजबूत की। अंत्योदय का विचार देश को उनकी महान देन है। हमारी केंद्र सरकार और राज्य सरकार की जन कल्याण की योजनाएं इसी विचार से प्रेरित हैं। इस अवसर पर रादौर के पूर्व विधायक ईश्वर सिंह पलाका, नेपाल राणा, नपा चेयरमैन रजनीश शालू मेहता, अमित गर्ग, रूपेंद्र मल्ली, पुष्पेन्द्र गुर्जर, डॉ. ऋषिपाल सैनी, हैप्पी खेड़ी, हरपाल मारूपुर, बंसी सैनी, धर्म सिंह बंचल, धनपत सैनी, रोहित शर्मा, बलकार सिंह अलीपुरा, सतीश धौलरा, बीर सिंह जठलाना, सतपाल मंधार व सुरेन्द्र चीमा मौजूद रहे।