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सार्वजनिक गली साबित करें, नहीं तो 1 करोड़ के मानहानि मुकदमे के लिए तैयार रहें : भरत छौक्कर

पूर्व विधायक ने प्रेस काॅन्फ्रेंस कर आरटीआई एक्टिविस्ट के आरोपों का दिया जवाब
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समालखा में आरोपों को लेकर प्रेस काॅन्फ्रेंस करते पूर्व विधायक भरत सिंह छौक्कर।  -निस
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समालखा के पूर्व कांग्रेस विधायक भरत सिंह छौक्कर ने रविवार को प्रेस काॅन्फ्रेंस कर आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर द्वारा उन पर लगाए जा रहे सार्वजनिक गली को कब्जाने के आरोपों का जवाब दिया। भरत छौक्कर आज पूरी तैयारी करके आए थे। उन्होंने पत्रकारों को अपने सबूत दिखाते हुए कपूर द्वारा लगाए आरोपों को झूठ व बेबुनियाद बताया। पूर्व विधायक ने बताया कि जीटी रोड पर सीताराम काॅलोनी की जिस गली पर पीपी कपूर हाय-तौबा मचा रहे हैं, उस गली के आसपास के सभी प्लाॅट जो करीब 3000 वर्ग गज का रकबा है, उन्होंने साल 1997 से 2025 के दौरान खरीद लिए थे। इतना ही नही जमीन मालिक ने 2007 में उनके नाम कराई रजिस्ट्री में साफ लिखा है कि यह सारी जमीन भरत सिंह ने खरीद ली है। इसके बीच में जो 2 गलियां हैं, उनमें से कोई भी सरकारी या सार्वजनिक नहीं है, इसलिए पीपी कपूर के आरोप मनघड़ंत व आधारहीन हैं। वह पीपी कपूर के खिलाफ जल्द कोर्ट में 1 करोड़ रुपये का मानहानि का केस दायर करेंगे।

पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए पूर्व विधायक भरत सिंह छौक्कर ने कहा कि कपूर ने उनके विरोधियों के साथ कथित सांठगांठ करके उनकी कोठी का फर्जी नक्शा बनाकर प्रॉपर्टी आईडी बनवाई, जिस पर उन्होंने कपूर व अन्य के खिलाफ कई संगीन धाराओं में मुकद्दमा दर्ज करवाया हुआ है, जिसमें आरोपी संजय 8 माह जेल में रहा है और पीपी कपूर के विरुद्ध चालान पेश हो चुका है और वह भी कोर्ट से जमानत पर है। छौक्कर ने कहा कि उन्होंने पीपी कपूर को 24 अप्रैल 2025 को अपने वकील के माध्यम से 1 करोड़ रुपये का मानहानि का नोटिस भेजा था, जिस पर 3 मई 2025 को कपूर ने लिखित में माफीनामा दिया हुआ है। अब फिर उसने मुझे बदनाम करने की मुहिम छेड़ दी है, इसलिए वह कपूर के आरोपों का सबूत समेत विजिलेंस व लोकायुक्त कोर्ट में जवाब देंगे और जल्द ही 1 करोड़ रुपये का मानहानि का केस दायर करेंगे।

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उधर, आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने मामला कोर्ट में होने के बावजूद प्रेस काॅन्फ्रेंस पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि पूर्व विधायक छौक्कर मीडिया व पब्लिक को गुमराह कर रहे हैं। कपूर ने कहा कि उन्होंने किसी से कोई माफी नहीं मांगी, छौक्कर ने जो लीगल नोटिस भेजा था, हमने उसी नोटिस के जवाब में इसे लिख कर दिया दिया था कि इतने ओछे आरोप बहुत ही घटिया और गिरा हुआ व्यक्ति ही लगा सकता है। हमने भरत छौक्कर पर समालखा कोर्ट में मानहानि में 20 लाख रुपये मुआवजे का सिविल केस व इसे सजा कराने के लिए क्रिमिनल केस मानहानि के दायर कर रखे हैं। कपूर ने आरोप लगाया कि भूमि विवाद के सिविल केस को क्रिमिनल केस बनवाकर जो झूठी एफआईआर दर्ज कराई थी, उसे रद्द कराने का केस हाईकोर्ट में लंबित है, जहां केस रद्द होने व झाड़ पड़ने के डर से पिछली 2 तारीख पर पेश नहीं हुए। यह फ़र्ज़ी एफआईआर दर्ज कराने के लिए इनकी शिकायतें 5 बार उच्च पुलिस अधिकारियों व एसडीएम की जांच के बाद दाखिल दफ्तर हो चुकी हैं।

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