अस्थाई नियुक्तियों को लेकर भाजपाइयों में विरोध, मुख्यमंत्री तक पहुंचा मामला
अम्बाला जिले के गांवों में जलकर्मी व चौकीदार की अस्थाई नियुक्तियों को लेकर बवाल हो गया है। कई गांवों में सत्तारूढ़ दल भाजपा के लोग धड़ों में बंट गए हैं। इस तरह की शिकायतें सूबे के मुख्यमंत्री नायब सैनी तक भी पहुंच रही हैं, लेकिन इसके बावजूद टकराव कम होने का नाम नहीं ले रहा। अधिकतर मामले मुलाना विधानसभा क्षेत्र में आ रहे हैं, जहां भाजपा की प्रत्याशी रहीं पूर्व मंत्री संतोष सारवान और संगठन के बीच मतभेद पैदा हो रहे हैं। इस क्षेत्र में करीब डेढ़ दर्जन गांवों के भीतर चौकीदार व जल कर्मियों की नियुक्तियों का काम चल रहा है। हालांकि यह सब ऑनलाइन अप्लाई कर एक इंटरव्यू के माध्यम से किया जा रहा है, लेकिन इसके बावजूद वर्षों से पार्टी में काम करने वाले लोग अपने कैंडिडेट को प्राथमिकता देने की वकालत कर रहे हैं। ऐसे में कुछ लोग संतोष चौहान सारवान के पास जा रहे हैं तो कुछ ने पार्टी में संगठन का दरवाजा खटखटा कर नियुक्तियों पर हक जता रहे हैं। मुलाना से एक वरिष्ठ नेता ने साहा में एक जलकर्मी की नियुक्ति को लेकर हाल ही में मुख्यमंत्री नायब सैनी के समक्ष अपनी बात रखी थी कि उनके आवेदक को किसी दबाव में जलकर्मी नियुक्त नहीं किया गया। जिस पर मुख्यमंत्री ने उस नेता को आश्वासन दिया कि उनकी बात को सुना जाएगा। मुख्यमंत्री ने साथ ही यह भी कहा कि नियुक्तियों में किसी तरह का पक्षपात नहीं किया जा सकता। तमाम कार्य प्रणाली ऑनलाइन है, ऐसे में किसी कैंडिडेट को तवज्जो देने का सवाल ही पैदा नहीं होता। उनकी सरकार में केवल योग्यता देखी जा रही है। वहीं भाजपा जिला प्रधान मनदीप राणा ने कहा कि पार्टी में सब कुछ ठीक चल रहा है। आपसी विरोध की कोई बात नहीं है। सभी को साथ लेकर चल रहे हैं।