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खरीद जोरों पर, उठान की लचर व्यवस्था से मंडियां जाम

रमेश सरोए/हप्र करनाल, 16 अक्तूबर धान कटाई का सीजन पीक पर पहुंच रहा हैं, जिससे मंडियों में धान की आवक बढ़ चुकी है। उसी तेजी से धान खरीद प्रक्रिया चल रही हैं, बावजूद उठान की लचर व्यवस्था से मंडियों में...
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करनाल में धान से अटी नयी अनाजमंडी। -हप्र
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रमेश सरोए/हप्र

करनाल, 16 अक्तूबर

धान कटाई का सीजन पीक पर पहुंच रहा हैं, जिससे मंडियों में धान की आवक बढ़ चुकी है। उसी तेजी से धान खरीद प्रक्रिया चल रही हैं, बावजूद उठान की लचर व्यवस्था से मंडियों में जाम लग चुका है, जिसके चलते किसानों को काफी परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं। किसानों को धान उतारने के लिए जगह तक नहीं मिल रही, ट्रालियों के जाम लग रहे हैं।
उठान का जिम्मा थामने वालों की सांसें उखड़ी हुई हैं, क्योंकि उनके पास उठान की पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। यही वजह है कि किसानों को धान लेकर मंडी में एंट्री करने में काफी जद्दोजहद करनी पड़ रही है।
करनाल, इंद्री, घरौंडा, नीलोखेड़ी, तरावड़ी, निसिंग, बल्ला, ब्याना सहित 15 मंडी, परचेज सेंटरों पर गत दिवस तक 40 लाख क्विंटल से अधिक धान खरीदी जा चुकी थी, लेकिन उठान करीब 46 प्रतिशत तक ही हो पाया। जो यह बताने के लिए काफी है कि मंडियों में उठान सिस्टम बिगड़ा हुआ है। नयी अनाजमंडी आढ़ती एसोसिएशन प्रधान रजनीश चौधरी ने बताया कि धान की खरीद तेजी से चल रही है, बावजूद उठान नहीं हो रहा, मंडी में जाम लग चुका है। उन्होंने प्रशासन से अपील कि वे खरीद के 48 घंटे के अंदर धान उठान करवाएं ताकि किसानों को मंडी में धान लाने में कोई दिक्कत पेश न आए। नयी अनाजमंडी करनाल के सचिव संदीप सचदेवा ने बताया कि मंडी में करीब 7 लाख क्विंटल धान खरीदा जा चुका हैं जबकि 2.79 लाख क्विंटल धान का उठान हो पाया है। उन्होंने कहा कि दो दिनों में उठान व्यवस्था सही हो जाएगी।

सरकार करे उच्च स्तरीय जांच : रतनमान

भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष रतनमान ने बताया कि पहले तो सरकार धान की खरीद समय पर शुरू नहीं की, इसके बाद मंडियां डंप हो गई। उठान की प्रक्रिया काफी ढीली हैं, ये सब किसान को परेशान करने की साजिश है ताकि किसान सस्ते दामों पर धान बेचने को मजबूर हो सकें। प्रदेशाध्यक्ष ने आरोप लगाते हुए कहा कि ये सब मंडी बोर्ड, खरीद एजेंसियों ओर बिचौलियों की मिलीभगत से हो रहा है। ये परिस्थितियां हर साल होती हैं, जो किसानों के साथ एक गहरी साजिश है। भारतीय किसान यूनियन सरकार से मांग करती है कि इसकी उच्च स्तरीय जांच हो ताकि  किसानों के साथ हो रहे षड़यंत्रों का पता चल सके।
गत दिवस तक जिले की मंडियों में 4 लाख 26 हजार 8 मीट्रिक टन धान की खरीद सरकारी एजेंसी द्वारा की गई। एजेंसियों को खरीदी गई धान का उठान में तुरंत करवाने के आदेश खरीद एजेंसी को दिए गए हैं। खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा 2 लाख 82 हजार 911 मीट्रिक टन धान, हैफेड द्वारा 87 हजार 89 मीट्रिक टन, हरियाणा वेयर हाउस कारपोरेशन द्वारा 56 हजार 8 मीट्रिक टन धान खरीदा गया।
-उत्तम सिंह, डीसी, करनाल।
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