‘राजनीतिक दलों ने की पांचाल समाज की अनदेखी’
श्री विश्वकर्मा पांचाल समाज सुधार सभा के प्रदेशाध्यक्ष साहब सिंह खरींडवा ने कहा कि जो अपने माता-पिता की सेवा करता है, उसे तीर्थ या धार्मिक स्थान पर जाने की आवश्यकता नहीं है। माता-पिता की सेवा स्वयं एक महान तीर्थ यात्रा के समान है, यह सबसे बड़ा पुण्य है। माता-पिता को भगवान का रूप माना जाता है और उनकी खुशी में ही भगवान की खुशी निहित है। समाजसेवी साहब सिंह खरींडवा एक धार्मिक कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों के नेताओं ने कभी पांचाल समाज को मजबूत नहीं समझा, जबकि पांचाल समाज एक मेहनती समाज है जो इमानदारी से मेहनत कर अपना गुजारा करता है। राजनीतिक दलों ने हमेशा ही पांचाल समाज की अनदेखी की है, जिससे कारण पांचाल समाज राजनीतिक तौर से पिछड़ रहा है। आज तक पांचाल समाज का न तो कोई सांसद बना है, न कोई विधायक। किसी बड़ी पार्टी ने पांचाल समाज को टिकट देना उचित नहीं समझा। उन्होंने कहा है कि अब पांचाल समाज एकजुटा दिखाते हुए राजनीति में अपनी भागीदारी कायम करेगा।