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बुद्ध पूर्णिमा पर काव्य गोष्ठी का आयोजित

टोहाना, 13 मई (निस)बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर हरियाणा प्रादेशिक हिन्दी साहित्य सम्मेलन के बैनर तले एक काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। काव्य गोष्ठी में मुख्यातिथि के तौर पर बरवाला से साहित्यकार सूबे सिंह सुबोध पहुंचे जबकि कार्यक्रम की...
टोहाना में बुद्ध पूर्णिमा पर हरियाणा प्रादेशिक हिन्दी साहित्य सम्मेलन के बैनर तले आयोजित काव्य गोष्ठी में उपस्थित साहित्यकार। -निस
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टोहाना, 13 मई (निस)बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर हरियाणा प्रादेशिक हिन्दी साहित्य सम्मेलन के बैनर तले एक काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। काव्य गोष्ठी में मुख्यातिथि के तौर पर बरवाला से साहित्यकार सूबे सिंह सुबोध पहुंचे जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार बलवंत सिंह मान ने की। इस अवसर पर मंच संचालन वरिष्ठ साहित्यकार विनोद सिल्ला ने किया। हरियाणवी हास्य कवि मास्टर जोरा सिंह लाम्बा ने अपनी कविता 'भई जाल रही ना पाल रही ना रहे पाहड़ी बांस' सुनाकर भूली बिसरी विषय वस्तुओं को याद किया। सूबे सिंह सुबोध ने 'पहले जैसी अब कहां रात होती हैं-वहां अब जुगनुओं से बात होती हैं' सुनाकर महफिल लूट ली। विनोद सिल्ला ने अपनी कविता 'मेरे जीवन का उजाला-नहीं है मोहताज किसी सूरज का' सुनाकर तालियां बटोरी।

वरिष्ठ साहित्यकार बलवंत सिंह मान ने 'हमें युद्ध नहीं रोजगार चाहिए-नफरत नहीं हमें प्यार चाहिए' सुनाकर युद्ध के दुष्परिणाम बताकर युद्धों से बचने का आह्वान किया। युद्ध से पीड़ित दुनिया को बुद्ध और बुद्ध के अमन संदेश की सख्त जरूरत बताया। इस अवसर पर कवयित्री मीना रानी, वयोवृद्ध कवि उमेद सिंह सिल्ला ने भी अपनी प्रस्तुति दी।

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