जींद के हैबतपुर में आधे-अधूरे मेडिकल कॉलेज में ओपीडी सेवाएं शुरू करवाने की योजना
जींद, 11 जुलाई ( हप्र) : जींद के हैबतपुर गांव में निर्माणाधीन आधे-अधूरे मेडिकल कॉलेज में 1 अगस्त से ओपीडी शुरू करवाने की योजना है। यह योजना किसी और की नहीं, खुद विधानसभा उपाध्यक्ष डॉ कृष्ण मिड्ढा की है। इसमें अब महज 20 दिन बचे हैं। इन 20 दिनों में मेडिकल कॉलेज में स्पेशलिस्ट चिकित्सकों से लेकर उनके लिए ओपीडी रूम तैयार करने, मरीजों के वेटिंग रूम से लेकर उनके लिए टॉयलेट, पेयजल जैसी मूलभूत सुविधा मुहैया करवानी होंगी, जो कतई आसान नजर नहीं आ रहा।
जींद के हैबतपुर में पूरा नहीं हो पाया है 7 सौ करोड़ का प्रोजेक्ट
दिसंबर 2014 में तत्कालीन सीएम मनोहर लाल ने जींद में मेडिकल कॉलेज निर्माण की घोषणा की थी। लगभग 700 करोड रुपए से ज्यादा की इस परियोजना का निर्माण कार्य अभी तक पूरा नहीं हो पाया है। 2019 तक तो मेडिकल कॉलेज का निर्माण शुरू भी नहीं हो पाया था। जब 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद हरियाणा में भाजपा और जजपा गठबंधन की सरकार बनी थी, तब इसमें डिप्टी सीएम बने उचाना के तत्कालीन विधायक दुष्यंत चौटाला ने मेडिकल कॉलेज बिल्डिंग निर्माण की तमाम तकनीकी दिक्कतों को अपने प्रयासों से दूर करवाया था। एल एंड टी कंपनी मेडिकल कॉलेज की बिल्डिंग का निर्माण कर रही है।
आधे-अधूरे मेडिकल कॉलेज में 1 अगस्त से ओपीडी
हरियाणा विधानसभा के उपाध्यक्ष और जींद के भाजपा विधायक डॉ कृष्ण मिड्ढा ने शुक्रवार को अधिकारियों को निर्देश दिए कि 1 अगस्त से मेडिकल कॉलेज में ओपीडी सेवाएं शुरू की जाएं। मेडिकल कॉलेज में ओपीडी सेवाएं शुरू होने में देरी से खफा विधानसभा उपाध्यक्ष ने कहा कि हर हाल में 1 अगस्त से मेडिकल कॉलेज में ओपीडी सेवाएं शुरू हो जाएं। इसके लिए अधिकारियों को जो भी करना हो, वे करें। दूसरी ओर अभी मेडिकल कॉलेज में ओपीडी सेवाएं शुरू करने के लिए मूलभूत सुविधाओं की भारी कमी है।
स्पेशलिस्ट चिकित्सकों तक का इंतजाम मेडिकल कॉलेज के लिए नहीं हो पाया है। अभी तक मेडिकल कॉलेज में स्थाई निदेशक की नियुक्ति भी नहीं हुई है। निदेशक की नियुक्ति के बाद ही इसमें स्पेशलिस्ट चिकित्सक भर्ती होंगे, और दूसरे स्टाफ की भर्ती की जाएगी।
ढाई साल पहले भी बनी थी जींद के हैबतपुर में ओपीडी शुरु करने की योजना
ऐसा नहीं है कि जींद मेडिकल कॉलेज में पहली बार ओपीडी सेवाएं शुरू करने की योजना बनी हो। लगभग ढाई साल पहले जब डॉ मनोज कुमार जींद के डीसी थे, तब उन्होंने मेडिकल कॉलेज में ओपीडी सेवाएं शुरू करवाने की योजना बनाई थी। यह अलग बात है कि मेडिकल कॉलेज में पीने के पानी तक की व्यवस्था नहीं हो पाने के कारण ओपीडी सेवाएं शुरू नहीं हो पाई थी।
पेयजल की व्यवस्था नहीं
जींद के हेबतपुर गांव की पंचायती जमीन पर मेडिकल कॉलेज की बिल्डिंग का ढांचा तो खड़ा हो गया, लेकिन यहां सबसे जरूरी पेयजल की स्थाई व्यवस्था नहीं की गई। कायदे से मेडिकल कॉलेज में सबसे पहले पेयजल की स्थाई व्यवस्था होनी चाहिए थी। अब अस्थाई व्यवस्था के रूप में मेडिकल कॉलेज में ट्यूबवेल लगवाए गए हैं। यह केवल काम चलाऊ व्यवस्था होगी। मेडिकल कॉलेज में पीने के पानी की स्थाई व्यवस्था के लिए लगभग 3 साल और इंतजार करना होगा, जब बदौड़ी गांव में जींद शहर के लिए बनने वाले नहरी पानी पर आधारित जलघर से जींद शहर को पेयजल की सप्लाई शुरू हो जाएगी।
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