यमुनानगर में जगह-जगह गंदगी के ढेर, लोग परेशान
नगर निगम, जिसे स्मार्ट सिटी का दर्जा प्राप्त है, उसकी कार्यकुशलता पर सवाल उठने लगे हैं। स्मार्ट सिटी के तमगे के बावजूद नगर की सफाई व्यवस्था बेहद खराब स्थिति में है। खासकर यमुनानगर बस स्टैंड के मुख्य गेट के सामने का दृश्य बेहद खेदजनक है, जहां प्रतिदिन हजारों यात्री आने-जाने के लिए आते हैं। यह जगह शहर का महत्वपूर्ण स्थल होते हुए भी गंदगी और कचरे से भरी पड़ी है, जो वहां से गुजरने वाले नागरिकों व यात्रियों के लिए शर्मनाक स्थिति उत्पन्न कर रही है। स्थानीय नागरिकों ने बताया कि बस स्टैंड के सामने खुले में कचरे के ढेर लगे रहते हैं। इन कचरे के ढेरों के कारण बदबू फैलती रहती है और स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। बारिश के मौसम में तो समस्या और भी विकराल हो जाती है। नालियों की सफाई न होने के कारण वर्षा का पानी जम जाता है, जिससे सड़कें जलमग्न हो जाती हैं। यात्री व वाहन चालकों को भी भारी असुविधा का सामना करना पड़ता है। इस अव्यवस्था के कारण संक्रमण फैलने की आशंका भी बढ़ गई है। कांग्रेस नेता सतपाल कौशिक ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यमुनानगर जगाधरी निगम के पास हर वर्ष करीब 300 करोड़ रुपये का बजट होता है, फिर भी निगम प्रशासन गंदगी नियंत्रण व सफाई व्यवस्था को प्रभावी ढंग से लागू करने में विफल साबित हो रहा है। स्मार्ट सिटी का दावा करने वाला यह नगर निगम अपनी जिम्मेदारियों से बेखबर है। आम जनता को गंदगी, बदबू और गंदे पानी के कारण स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। निगम प्रशासन को चाहिए कि वे तुरंत इस समस्या का स्थायी समाधान निकालें। नगर निगम क्षेत्र के अन्य हिस्सों में भी यही स्थिति देखने को मिलती है। जहां कहीं भी नालियां अवरुद्ध हैं, वहीं सड़कों पर कूड़े के ढेर खुले में पड़े हुए हैं। इससे नगर की सुंदरता को भी भारी धक्का लग रहा है। निगम की नियमित मॉनिटरिंग व्यवस्था भी खामी से ग्रस्त दिखाई देती है।