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चैत्र चौदस मेले के उद्घाटन के साथ ही पिहोवा मेला शुरू

सुभाष पौलस्त्य/निस पिहोवा, 27 मार्च मेला प्रशासक एवं उपमंडल अधिकारी नागरिक कपिल कुमार ने कहा कि उपमंडल पिहोवा में बृहस्पतिवार 27 मार्च को चैत्र चौदस मेले का शुभारंभ हो चुका है, जोकि 29 मार्च तक चलेगा। एसडीएम ने चेत्र चौदस...
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सुभाष पौलस्त्य/निस

पिहोवा, 27 मार्च

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मेला प्रशासक एवं उपमंडल अधिकारी नागरिक कपिल कुमार ने कहा कि उपमंडल पिहोवा में बृहस्पतिवार 27 मार्च को चैत्र चौदस मेले का शुभारंभ हो चुका है, जोकि 29 मार्च तक चलेगा।

एसडीएम ने चेत्र चौदस मेले के शुभारंभ पर बधाई देते हुए कहा कि चैत्र चौदस मेला हिंदू-सिख एकता का प्रतीक है, जिसमें देशभर से लोग अमावस के अवसर पर स्नान करते हैं तथा अपने पितरों की आत्मा का शांति के पिंडदान व पूजा-पाठ करवाते हैं। एसडीएम ने कहा कि चैत्र चौदस मेले के पहले दिन भारी संख्या में लोग मेले में पंहुच रहे हैं तथा आगामी दो दिनों में लगभग पांच लाख से भी अधिक लोगों की मेले में पंहुचने की संभावना हैै।

एसडीएम कपिल कुमार ने बृहस्पतिवार को बाल भवन में बने सूचना प्रसारण केंद्र में चेत्र चौदस मेले का विधिवत रूप से उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि विश्व विख्यात चैत्र चौदस मेले का धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से बहुत महत्व है। कुरुक्षेत्र की परीधि में पड़ने वाले तीर्थों में सर्वाधिक महत्व पृथूदक तीर्थ का माना गया है। वामण पुराण के अनुसार वेन के पुत्र पृथु के नाम से इस तीर्थ का नाम पृथूदक हुआ। राजा वेन के शरीर के मंथन से भगवान विष्णु के नौवें अंश पृथु पैदा हुए। राजा पृथु ने जिस स्थान पर अपने पितरों को उदक यानि जल दिया, वह स्थान पृथु-उदक यानि पृथूदक नाम से प्रसिद्ध हुआ। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस तीर्थ में स्नान का अति महत्व माना गया है। यहां स्नान करने से सारे पाप नष्ट हो जाते है तथा व्यक्ति को अश्वमेध यज्ञ की फल की प्राप्ति के साथ-साथ स्वर्गलोक भी प्राप्त हो जाता है।

चैत्र चौदस मेले के उद्घाटन उपरांत नगरपालिका प्रधान आशीष चक्रपाणि ने कहा कि पुराणों के अनुसार पांडवों के बड़े भाई युद्धिष्ठिर ने महाभारत के युद्ध में मारे गए अपने सगे-संबंधियों का यहीं पर पिंडदान करवाया था। भगवान श्री कृष्ण और शिव ने भी यहां सरस्वती तीर्थ में स्नान किया। श्री गुरु नानक देव और श्री गुरु गोबिंद सिंह भी यहां पधारे थे। महाराजा रणजीत सिंह इसी पावन तीर्थ पर अपनी माता का पिंडदान करवाने आए थे।

चैत्र चौदस मेले में श्रद्धालुओं का लगभग 80 प्रतिशत वर्ग सिख समुदाय से आता है। इसलिए इस मेले को हिन्दू-सिख एकता के प्रतीक के रूप में जाना जाता है। इस मौके पर डीएसपी निर्मल सिंह, तहसीलदार विनती, नगरपालिका सचिव मोहन लाल, मार्केट कमेटी सचिव चंद्र सिंह, केडीबी सदस्य युधिष्ठिर बहल, उमाकांत शास्त्री, सभी पत्रकार एवं छायाकार सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे

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