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शहर की सरकार के लिए दल टटोल रहे मतदाताओं का मन

सिरसा एमसी चुनाव की सरगर्मियां तेज, सीधे होगा चेयरमैन का चुनाव
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सिरसा, 6 जनवरी (हप्र)

सिरसा नगर परिषद के निकट भविष्य में होने वाले चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो चुकी है। राजनीतिक दल मतदाताओं का मन टटोल रहे हैं और इन चुनाव के लिए मुद्दे तलाशने में जुट गए हैं। पार्षद और चेयरमैन चेहरे की भी तलाश शुरू हो गई है ताकि ‘छोटी सरकार’ पर काबिज हो सकें। सूत्रों के अनुसार फरवरी के दूसरे सप्ताह में एमसी चुनाव संभावित है। ऐसे में महज एक माह का समय शेष रह गया है। चूंकि सिरसा नगर परिषद की चेयरमैन के चुनाव इस बार सीधे मतदाताओं द्वारा होगा। सिरसा के लोग अपने वोट से चेयरमैन का चुनाव करेंगे। पहले वार्डों के चुने हुए पार्षद अपने वोट से चेयरमैन का चुनाव करते थे। इसलिए इस बार चुनावी घमासान तेज होना तय है। सिरसा नगर परिषद के चेयरमैन का पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। इसलिए वजह से थोड़ी हलचल कम है। सामान्य होने पर अब तक चुनावी दंगल सज चुका होता। सिरसा के तमाम नेता अपने बच्चों को चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी कर चुके थे। मगर, सिरसा सीट आरक्षित होने से उनके मंसूबों पर पानी फिर गया। अब सिरसा नगर परिषद पर काबिज होने की चाह रखने वाले अपने चहेते को चेयरमैन की कुर्सी पर बैठाने की कोशिश करेंगे ताकि उसके माध्यम से माल बटोरा जा सकें। नगर परिषद की चेयरमैनी हासिल करने के लिए नेताओं की ओर से हर संभव प्रयास किए जाते रहें है। वर्ष 2016 के चुनाव में खूब जोर आजमाइश की गई थी। कुर्सी हथियाने के लिए साम-दाम-दंड की नीति अपनाई गई। पॉवर हासिल करते ही वारे-न्यारे कर डालें। पिछले कार्यकाल में भ्रष्टाचार के जितने रिकार्ड बनें, उतने शायद ही कभी बने हों। एमसी चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा भ्रष्टाचार बनने वाला है। नगर परिषद के भ्रष्टाचार को लेकर न केवल भाजपा बल्कि हलोपा, कांग्रेस को भी जवाब देना होगा। सरकारी खजाने से स्टार्म वॉटर प्रोजेक्ट, गलियों के नाम पर, सड़कों, स्ट्रीट लाईट, पार्कों, डस्टबिन की खरीद, बैंच, जिम उपकरण सहित तमाम कार्यों में गड़बड़ी की आशंका है।  किसी मामले की न जांच की गई और न कोई कार्रवाई। नगर परिषद चुनाव से पहले भाजपा को भ्रष्टाचार मामले पर अपना स्टैंड स्पष्ट करना होगा। भ्रष्टाचार पर चोट से भाजपा को इन चुनाव में लाभ मिल सकता है।

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भाजपा का सिरसा सीट पर फोकस

लोकसभा और विधानसभा चुनाव में अपेक्षित सफलता न मिलने के बावजूद भाजपा नगर परिषद चुनाव में चेयरमैन हासिल करने की रणनीति पर कार्य कर रही है। पार्टी की ओर से साफ-सुधरी छवि वाले उम्मीदवारों की तलाश की जा रही है। साथ ही पब्लिक से जुड़े मुद्दों को भी चिह्नित किया जा रहा है। भाजपा केंद्र, प्रदेश के साथ-साथ शहरी सरकार भी बनाने की तैयारी कर रही है।

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