खरीद के इंतजार में मंडियों में लगे धान के ढेर
आढ़ती-किसान परेशान, बोले- केवल सरकारी रिकॉर्ड में शुरू हुई
हरियाणा में 22 सितंबर से सरकारी रिकॉर्ड मुताबिक धान की खरीद शुरू हो चुकी है, लेकिन हकीकत इससे कहीं अलग है। जो किसान 22 सितंबर और उसके बाद अपनी धान मंडियों में ला चुके हैं, संबंधित आढ़ती उसी का रखरखाव कर रहे हैं। अभी तक सरकार ने वह धान नहीं खरीदी, क्योंकि पोर्टल पर उन किसानों की फसल वेरीफाई ही नहीं हो सकी। कहा जा रहा है कि जितना धान मंडियों में आ चुका है, उसका 10% हिस्सा भी अभी तक नहीं खरीदा गया, न ही उठान होना शुरू हुआ। ऐसे में मंडियों में धान के ढेर लगने शुरू हो चुके हैं। अगले कुछ दिनों में धान और अधिक मात्रा में आएगी जिसके चलते मंडियों में धान रखने की जगह नहीं बचेगी।
मंडी आढ़ती एसोसिएशन के जिला प्रधान मनीष कांबोज का कहना है कि मंडी में लगभग डेढ़ लाख क्विंटल धान आ चुका है, जबकि अभी तक मात्र 18000 क्विंटल की खरीद ही हुई है। उन्होंने कहा कि अभी पोर्टल के रिकॉर्ड में वेरीफाई नहीं हुआ और न ही गेट पास बनेआढ़ती धान को सुखाकर बोरियों में भर कर अपने पास रख रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसान परेशान है, न तो पटवारी सुन रहा है, न ही तहसीलदार और न ही पोर्टल पर फसल वेरीफाई की जा रही है। वहीं मंडी सचिव विशाल गर्ग का कहना है कि अभी तक 18000 क्विंटल धान की खरीद हो चुकी है। जल्दी ही उठान शुरू हो जाएगा। उन्होंने पोर्टल को लेकर कहा कि वह ठीक-ठाक काम कर रहा है। हरियाणा के कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा बार-बार दोहरा रहे हैं कि हमने एक सप्ताह पहले मंडियों में धान की खरीद शुरू कर दी, जबकि हकीकत इससे अलग हैं, न तो धान का उठान हो रहा है और न ही मंडियों में आई धान खरीदी जा रही है। वह आढ़तियों के पास पड़ी हैऔर पोर्टल पर वेरिफाई न होने के कारण उसे सरकारी रिकॉर्ड में खरीदा नहीं माना जा सकता।