कारगिल विजय दिवस हवन-यज्ञ का आयोजन
भारतीय वैदिक संस्कृति में समाज एवं राष्ट्र की रक्षा के लिए बलिदान का विशेष महत्व है। यह बात आर्य समाज से प्रधान चन्द्रकान्त आर्य ने कारगिल विजय दिवस पर आर्य समाज नरवाना में सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने 2700 घुसपैठियों...
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भारतीय वैदिक संस्कृति में समाज एवं राष्ट्र की रक्षा के लिए बलिदान का विशेष महत्व है। यह बात आर्य समाज से प्रधान चन्द्रकान्त आर्य ने कारगिल विजय दिवस पर आर्य समाज नरवाना में सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने 2700 घुसपैठियों को मौत के घाट उतार कर बलिदान हुए लगभग 1500 वीर बलिदानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। आर्य समाज में पर्यावरण शुद्धि एवं समृद्धि के लिए यज्ञ-हवन भी किया गया। इस दौरान सत्संग में धर्मपाल, मियां सिंह एवं यशपाल आर्य ने भजन एवं गीतों में ईश्वर स्तुति, प्रार्थना, उपासना और आराधना के साथ आर्य समाज के संस्थापक महर्षि दयानंद सरस्वती एवं वीर आर्यों के बलिदानों का यशोगान किया गया। इस अवसर पर प्रो. जयपाल आर्य ने अपने संदेश में कहा कि हमारी संस्कृति प्रकृति पर आधारित है। प्रत्येक तीज त्योहार प्रकृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए आयोजित किया जाता है।
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