वन नेशन वन इलेक्शन कम करेगा चुनाव प्रक्रिया पर आने वाली लागत : वीरेंद्र कौशिक
भिवानी में देश में एक देश-एक चुनाव की अवधारणा को लागू करने की बढ़ती बहस के बीच विभिन्न सामाजिक संगठनों ने इस महत्वपूर्ण सुधार के समर्थन में आवाज बुलंद की है। मंगलवार को विभिन्न सामाजिक संगठनों के एक प्रतिनिधिमंडल ने भिवानी के उपायुक्त के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा, जिसमें जिला की विभिन्न पंचायतों और संस्थाओं द्वारा पारित किए गए एक देश-एक चुनाव के समर्थन वाले प्रस्ताव शामिल हैं।
उपायुक्त को सौंपे गए ज्ञापन का मुख्य विषय इन प्रस्तावों को राष्ट्रपति तक पहुंचाना है। ज्ञापन में स्पष्ट किया गया है कि स्थानीय पंचायतों और संस्थाओं ने सर्वसम्मति से चुनावी प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी और लागत प्रभावी बनाने के लिए यह पहल की है। इस मौके पर भाजपा जिलाध्यक्ष वीरेंद्र कौशिक ने कहा कि यह कदम देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने के उद्देश्य से उठाया गया है।
उन्होंने कहा कि बार-बार होने वाले चुनावों से देश की अर्थव्यवस्था पर अनावश्यक बोझ पड़ता है, आचार संहिता के कारण विकास कार्य बाधित होते हैं, और प्रशासनिक मशीनरी का अधिकांश समय चुनाव प्रबंधन में लग जाता है।
वन नेशन वन इलेक्शन का मकसद पारदर्शिता सुनिश्चित करना
उन्होंने बताया कि जिले की विभिन्न पंचायतों और संस्थाओं द्वारा सर्वसम्मति से एक देश-एक चुनाव के समर्थन में प्रस्ताव पारित किए गए हैं। वन नेशन-वन इलेक्शन का उद्देश्य चुनाव प्रक्रिया को सरल बनाना, पारदर्शिता सुनिश्चित करना और लागत को प्रभावी रूप से कम करना। कौशिक ने कहा कि उनका मानना है कि वन नेशन-वन इलेक्शन लागू होने से सरकारी धन की भारी बचत होगी, विकास कार्यों की गति बढ़ेगी और देश की प्रशासनिक ऊर्जा सही मायनों में जनसेवा में लग पाएगी।
इस अवसर पर जिला महामंत्री रमेश पचेरवाल, एक राष्ट्र-एक चुनाव जिला संयोजक नवीन कुमार गुप्ता, प्रभारी डॉ. विनोद अंचल, प्रदेश सदस्य अनिल शर्मा, जिला सह संयोजक राजेश जांगड़ा, सामाजिक व व्यापारिक संस्थाओं से पवन राणीसतिया, राजेश चांगिया, कपिल शर्मा, ललित गोयल, सुनील भारद्वाज नंद किशोर अग्रवाल, शिवराज बागड़ी, सोनू सैनी, धर्मेंद्र धारेडू, अंकित पालुवास, प्रदीप प्रजापति, सुनील शर्मा, अशोक यादव, सुनील शर्मा, सुरेश शर्मा रिवासा, मा. मान सिंह, ओमप्रकाश, रामकिशन शर्मा, एडवोकेट हर्षवर्धन, एडवोकेट शंकर शर्मा सहित अन्य पदाधिकारी, कार्यकर्ता व अन्य संगठन प्रतिनिधि मौजूद रहे।
