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भाटला प्रकरण : सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर रिटायर्ड डीजी, डीजीपी ने किया गांव का दौरा

On the orders of the Supreme Court, retired DG, DGP and two retired DSPs visited the village
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हांसी, 15 मई (निस) : सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार भाटला प्रकरण में जांच के लिए उच्च स्तरीय जांच टीम भाटला गांव पहुंची। टीम के द्वारा गांव में पैदल घूमकर लोगों ने पूरे मामले की जानकारी ली। इस दौरान लोगों से बात की गई। लोगों द्वारा बताए गए ब्यानों को टीम के अधिकारियों द्वारा नोट किया गया। दोपहर बार टीम के द्वारा पीड़ित पक्ष को हांसी के रेस्ट हाउस बुलाया गया।

पीड़ित पक्ष द्वारा पूरे प्रकरण के बारे जानकारी दी गई। इस टीम में रिटायर्ड डीजी कमलेंद्र प्रसाद, रिटायर्ड डीजीपी वीसी गोयल और दो रिटायर्ड डीएसपी मीनाक्षी शर्मा और राजेंद्र पाल शामिल हैं। पूरे मामले में दो दिन और दोनों पक्षों से मिलकर जानकारी ली जाएगी। बाटला पहुंचे टीम के अधिकारियों द्वारा गांव में चौक-चौराहों पर पहुंच कर लोगों से बात की। जिसके बाद दोनों अधिकारी गांव से होते हुए भाटला चौकी पहुंचे। भाटला गांव में इस विवाद के बाद से ही पुलिस ने जलघर में चौकी स्थापित की थी। जलघर में लगे नलकूप से ही पूरा विवाद शुरू हुआ था। इस दौरान चौकी में तैनात पुलिस अधिकारियों से भी जानकारी ली गई।

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 भाटला प्रकरण :-पीड़ित पक्ष द्वारा टीम के सामने प्रस्तुत किए तथ्य

पीड़ित पक्ष के लोगों द्वारा रेस्ट हाउस में इस केस से संबंधित पूरी फाइल टीम के अधिकारियों के समक्ष पेश की। वकील रजत कलसन ने बताया कि भाटला प्रकरण में दलित समाज के लोगों द्वारा पुलिस के ऊपर आरोप लगाए थे कि पुलिस ने इस मामले में जानबूझकर सामाजिक बहिष्कार करने वाले दोषियों को मदद की है।

कलसन ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में 2019 से 2025 तक सुनवाई चली है। कुछ समय पहले सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि मामले में दो सदस्यीय एसआईटी गठित की थी। जिसके लिए उन्होंने पिटीशन भी दाखिल की थी। कमेटी अब जांच के लिए पहुंची है। यह कमेटी तीन दिन तक हांसी में रहकर इस मामले की जांच करेगी। जिस साथ ही इस जांच से जुड़े पुलिस अधिकारियों को भी पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है।

 भाटला प्रकरण :-ये था मामला

गौरतलब है की 15 जून 2017 को गांव भाटला में नलके पर पानी भरने के विवाद को लेकर गांव में एक समुदाय के लड़कों ने एससी समाज के युवाओं के साथ मारपीट की थी। इस मामले में पीड़ितों द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमे में पीड़ितों द्वारा समझौता न करने पर गांव की भाईचारा कमेटी ने गांव के पूरे दलित समुदाय का सामाजिक बहिष्कार कर दिया था।

भाटला सामाजिक बहिष्कार मामला

जस्टिस सूर्यकांत भाटला केस की सुनवाई से हटे

 

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