सीएम से शिलान्यास करवाते समय शहीद को भूले अफसर
परिजनों के ऐतराज जताने पर जागे, डीईओ बोलीं- चूक हुई है, सुधार करवाएंगे
जिले में शनिवार को मुख्यमंत्री से शहीद के नाम शिलान्यास करवाते समय अफसरों के लापरवाही बरतने का मामला सामने आया है। इस लापरवाही का पता लगते ही रविवार को शहीद के परिजनों ने संबंधित अधिकारियों के सामने आपत्ति जाहिर की। हुआ यूं कि सांसद खेल महोत्सव में पहुंचे सीएम नायब सैनी से टोहाना के अलग-अलग विभागों से जुड़े 8 विकास कार्यों का उद्घाटन व शिलान्यास करवाया गया था। इस दौरान शिक्षा विभाग ने गांव पारता के शहीद नरेंद्र सिंह राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय पारता में कमरों, शेड और चारदीवारी का भी शिलान्यास करवाया। मगर इस शिलान्यास पट्ट से शहीद नरेंद्र बिश्नोई का नाम ही गायब था।
शहीद की पत्नी सुनीता बिश्नोई, भाई अजय बिश्नोई, गांव के युवा संगठन व अन्य ग्रामीणों ने पहले स्कूल प्रिंसिपल, फिर जेई को आपत्ति जाहिर की। ग्रामीणों व परिजनों ने इस गंभीर चूक के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की गुहार लगाई ताकि भविष्य में ऐसा न हो। अजय बिश्नोई ने कहा कि अधिकारियों ने अपनी लिस्ट में भी स्कूल का नाम लिखते समय आगे शहीद का नाम नहीं लिखा। इसी कारण किसी की स्पीच या सोशल मीडिया की पोस्ट तक में भी उनका नाम नहीं आ सका। वहीं इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी संगीता बिश्नोई ने कहा कि ये बोर्ड डीपीसी ऑफिस ने बनवाए थे। मगर यह हमारे से चूक हुई है। इसमें सुधार करवाएंगे। शहीद का पूरा सम्मान है।
गौरतलब है कि वर्ष 2002 में मात्र 24 साल की उम्र में गांव का नरेंद्र बिश्नोई कुपवाड़ा में आतंकवादियों से लड़ते हुए शहीद हो गए थे। उसके बाद ग्रामीणों की मांग पर 2015 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल की स्वीकृति से गांव के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय का नाम शहीद नरेंद्र बिश्नोई के नाम पर किया गया था। उसके बाद से इस स्कूल को शहीद नरेंद्र सिंह राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के नाम से जाना जाता है।

