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निफ्टेम में नये शैक्षणिक सत्र का आगाज

सोनीपत में राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमिता एवं प्रबंधन संस्थान, कुंडली (निफ्टेम) ने शैक्षणिक वर्ष 2025-26 का विधिवत शुभारंभ हो गया। भारत सरकार के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय के अधीन कार्यरत इस राष्ट्रीय महत्व के संस्थान ने एमटेक, एमबीए और पीएचडी कार्यक्रमों...
सोनीपत के कुंडली स्थित निफ्टेम के निदेशक डॉ. हरिंदर सिंह ओबराय।-हप्र
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सोनीपत में राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमिता एवं प्रबंधन संस्थान, कुंडली (निफ्टेम) ने शैक्षणिक वर्ष 2025-26 का विधिवत शुभारंभ हो गया। भारत सरकार के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय के अधीन कार्यरत इस राष्ट्रीय महत्व के संस्थान ने एमटेक, एमबीए और पीएचडी कार्यक्रमों में प्रवेश लेने वाले नये विद्यार्थियों का स्वागत करते हुए दीक्षारंभ समारोह का आयोजन किया।

संस्थान के बहुउद्देशीय सभागार में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यातिथि के रूप में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार के पूर्व सचिव डॉ. सुब्रत गुप्ता ने शिरकत की। समारोह का शुभारंभ डॉ. सुनील पारीक, डीन (पीजीएस) के स्वागत भाषण से हुआ। उन्होंने निफ्टेम की मूल भावना और शिक्षा के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह संस्थान केवल शिक्षण केंद्र नहीं, बल्कि उस परिवर्तन की शुरुआत है जो समाज, उद्योग और राष्ट्र के भविष्य को आकार देगा। निफ्टेम के निदेशक डॉ. हरिंदर सिंह ओबेराय ने संस्थान की हाल की उपलब्धियों और दूरदर्शी पहलुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने संस्थान द्वारा शुरू की गई पहल ‘डू मोर वेंचर्स’

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का उल्लेख करते हुए बताया कि यह कार्यक्रम विद्यार्थियों के लिए इंटर्नशिप के अवसरों को बढ़ावा देने और व्यावसायिक दुनिया से उन्हें जोडऩे की दिशा में एक सार्थक कदम है।

मुख्य अतिथि डॉ. सुब्रत गुप्ता ने राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर खाद्य प्रणालियों की जटिल चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि शहरीकरण और बदलती जीवनशैली से प्रोसेस्ड खाद्य उत्पादों की मांग बढ़ रही है, लेकिन इससे जुड़े जोखिमों को समझना और समाधान खोजना अत्यंत आवश्यक है। खाद्य सुरक्षा, पोषण और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए बहु-आयामी दृष्टिकोण अपनाना होगा। उन्होंने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि हम सब मिलकर एक ऐसी मजबूत खाद्य प्रणाली का निर्माण करें जो हर नागरिक के लिए स्वास्थ्य, सम्मान और समृद्धि सुनिश्चित करे।

 

 

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राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमिताहरिंदर सिंह ओबराय