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‘जीवन में कर्मयोग अपनाने की जरूरत’

उचाना (निस) : उचाना में आयोजित सत्संग में कथा वाचक कृष्ण शास्त्री ने कहा कि जीवन में कर्मयोग अपनाना चाहिए उसके फल की आसक्ति नहीं रखनी चाहिए। उन्होंने समझाया कि जब व्यक्ति अपने कर्मों का कर्ता स्वयं को मानने लगता...
कृष्ण शास्त्री
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उचाना (निस) :

उचाना में आयोजित सत्संग में कथा वाचक कृष्ण शास्त्री ने कहा कि जीवन में कर्मयोग अपनाना चाहिए उसके फल की आसक्ति नहीं रखनी चाहिए। उन्होंने समझाया कि जब व्यक्ति अपने कर्मों का कर्ता स्वयं को मानने लगता है तो फल की अपेक्षा भी जन्म लेती है और फल न मिलने पर तनाव व दुःख का कारण बनती है। इसके विपरीत जब व्यक्ति खुद को प्रभु का माध्यम मानकर निष्काम भाव से कर्म करता है तो उसे फल की चिंता नहीं रहती और जीवन में स्थायी आनंद बना रहता है। यही सच्चा कर्मयोग है।

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