प्राकृतिक खेती एक विकल्प नहीं, आज की जरूरत : आचार्य देवव्रत
गुरुकुल में किसान गोष्ठी आयोजित
गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत के नेतृत्व में प्रदेश के विभिन्न जिलों में प्राकृतिक खेती करने वाले अनेक प्रगतिशील किसानों की एक विशेष ‘किसान गोष्ठी’ गुरुकुल परिसर में हुई। इस दौरान किसानों ने प्राकृतिक खेती के अपने अनुभव राज्यपाल सहित अन्य किसानों के साथ साझा किये। इस अवसर पर विशेष रूप से प्राकृतिक खेती के विस्तार में अहम भूमिका निभा रहे विख्यात कृषि वैज्ञानिक पदमश्री डॉ. हरिओम, डॉ. बलजीत सहारण आदि भी मौजूद रहे।
आचार्य देवव्रत ने विगत दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से प्राकृतिक खेती पर हुई चर्चा का जिक्र करते हुए कहा कि ‘राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन’ को लेकर प्रधानमंत्री जी बहुत गंभीर हैं और विभिन्न प्रदेशों में प्राकृतिक खेती के सफल प्रयोगों से अब यह स्पष्ट हो गया है कि केवल प्राकृतिक खेती से ही देश के किसानों को खुशहाल और समृद्ध बनाया जा सकता है। प्राकृतिक खेती केवल एक विकल्प नहीं अपितु समय की अनिवार्यता है। राज्यपाल ने कहा कि प्राकृतिक खेती के उत्पादों की प्रमाणिकता और मूल्यांकन के लिए प्रक्रिया को सरल बनाया जा रहा है जिससे प्राकृतिक खेती करने वाले किसान अपने उत्पादों का सर्टिफिकेशन आसानी से करवा पाएंगे, बाजार में उनके प्राकृतिक उत्पादों को अलग से पहचान मिलेगी।
आचार्य ने सभी किसानों से आह्वान किया कि अपने क्षेत्रों में किसानों को प्राकृतिक खेती की वास्तविकता से परिचित कराएं जिससे किसानों के मन में कम उत्पादन को लेकर जो भ्रम वह दूर हो और अधिक से अधिक किसान प्राकृतिक खेती को अपनाएं।
किसान गोष्ठी में प्रगतिशील किसान गज्जन सिंह, जौनी राजा, हरमेश काम्बोज, जितेन्द्र सिंह, बीरेन्द्र सिंह, फूलकुमार, कुलबीर सिंह, नरबीर सिंह, अमरीक सिंह, भीम सिंह डागर, कुलबीर सिंह, जसविन्द्र सिंह, सूरजभान, हरजिन्द्र सिंह, सुनील कुमार, कश्मीर सिंह, पंकज कुमार, अमरिन्द्र कुमार सहित कई किसानों ने अपने-अपने अनुभव साझा किये।