राष्ट्रगीत वंदे मातरम् देशभक्ति और एकता का प्रतीक : विधायक घनश्याम सर्राफ
भिवानी में राष्ट्रगीत वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में शुक्रवार को स्थानीय पंचायत भवन में जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सुबह ठीक 9:50 बजे उपस्थित जनसमूह ने राष्ट्रगीत का सामूहिक गायन किया। कार्यक्रम में विधायक घनश्याम सर्राफ मुख्य अतिथि और भाजपा जिलाध्यक्ष वीरेंद्र कौशिक अध्यक्ष के रूप में मौजूद रहे।
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का लाइव संदेश हुआ प्रसारित
इस अवसर पर एडीसी दीपक बाबू लाल करवा, सीईओ जिला परिषद अजय चोपड़ा, एसडीएम महेश कुमार और नगराधीश अनिल कुमार सहित अनेक अधिकारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का लाइव संदेश प्रसारित किया गया, जिसे सभी ने श्रद्धा और उत्साह से सुना।
वंदे मातरम् पर आधारित एक विशेष प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसका अतिथियों और उपस्थित नागरिकों ने अवलोकन किया। प्रदर्शनी ने राष्ट्रगीत के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को उजागर किया।
राष्ट्रगीत वंदे मातरम् देश का गौरव : विधायक
अपने संबोधन में विधायक घनश्याम सर्राफ ने कहा कि वंदे मातरम् देश की एकता, अखंडता और सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक है। यह गीत हर भारतीय में राष्ट्रप्रेम और समर्पण की भावना जागृत करता है। उन्होंने कहा कि यह वही गीत है जिसने आजादी के आंदोलन के दौरान देशवासियों में नई चेतना और ऊर्जा का संचार किया था। सर्राफ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उद्देश्य है कि हर नागरिक उन वीरों को याद करे जिन्होंने देश की स्वतंत्रता के लिए अपना बलिदान दिया।
जिलाध्यक्ष वीरेंद्र कौशिक ने अपने संबोधन में कहा कि वंदे मातरम् केवल शब्द नहीं बल्कि एक मंत्र और ऊर्जा का स्रोत है। यह गीत हमें इतिहास की गौरवगाथा से जोड़ता है और आत्मविश्वास से भविष्य की राह दिखाता है।
कार्यक्रम का शुभारंभ भारत माता के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। हलवासिया स्कूल और एसआरएस स्कूल की छात्राओं ने देशभक्ति से ओतप्रोत सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया, जबकि वैश्य मॉडल स्कूल के विद्यार्थियों ने मधुर बैंड की धुनों से मेहमानों का स्वागत किया।
इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ. रघुबीर शांडिल्य, डीईओ निर्मल दहिया, डीडीपीओ सोमबीर कादयान, डीएसपी अनूप कुमार, ठा. विक्रम सिंह सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी, शिक्षक, स्कूली बच्चे, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि और नागरिक बड़ी संख्या में मौजूद रहे।
