हॉट लाइन के नीचे शौचालय निर्माण पर नप व बिजली निगम आमने-सामने
यह लाइन सिविल अस्पताल, लघु सचिवालय, कोर्ट कॉम्प्लेक्स और एसपी कार्यालय को बिजली सप्लाई करती है, जिससे विवाद प्रशासनिक पेच में फंसता दिख रहा है।
नगर परिषद का तर्क है कि यह हाई वोल्टेज लाइन पूरी तरह गैर-स्वीकृत है, इसे परिषद की अनुमति लिए बिना ही बिछाया गया था। परिषद का दावा है कि शौचालय का निर्माण कार्य तकनीकी स्वीकृतियों के साथ हो रहा है, बावजूद इसके निगम अड़ंगा डाल रहा है। परिषद का आरोप है कि 5 सितंबर को जेई रामकिशन ने निर्माण स्थल पर पहुंचकर काम रुकवा दिया। निर्माण समिति के उप-प्रधान विनोद बंसल ने भी कहा कि जेई ने उन्हें धमकाया।
वहीं बिजली निगम का कहना है कि संबंधित हाई वोल्टेज लाइन काफी पहले से डाली हुई है और उसके नीचे शौचालय भवन खड़ा करना पूरी तरह खतरनाक है। निगम के अनुसार, मजदूरों की जान को गंभीर खतरा है। जेई रामकिशन ने कहा कि नगर परिषद अपनी गलती छिपाने के लिए पुलिस में झूठी शिकायत कर रही है। निगम ने इस संबंध में पहले ही परिषद को नोटिस जारी किया है। सिटी पुलिस प्रभारी अनिल कुमार ने बताया कि अब तक नगर परिषद से जेई के खिलाफ कोई औपचारिक शिकायत नहीं मिली है।
शिकायत केंद्र पर ताला
जेई रामकिशन ने आरोप लगाया कि विवाद के बाद नगर परिषद ने कार्यालय (कम्युनिटी हॉल) में निगम को मिले शिकायत केंद्र पर ताला जड़ दिया। इससे फाटक पार शहर के उपभोक्ताओं के लिए स्थायी केंद्र नहीं रहा।