मशरूम की खेती से किसानों की आय हो सकती है दोगुनी : अवतार
गांव अकांवाली के प्रगतिशील किसान अवतार सिंह ने परंपरागत खेती से हटकर मशरूम उत्पादन को अपनाकर अपनी मेहनत और नवाचार से एक नई पहचान बनाई है। आधुनिक तकनीक, सरकारी योजनाओं का लाभ और बागवानी विभाग के मार्गदर्शन से आज अवतार सिंह सालाना 35 लाख रुपये कमा रहे हैं। अवतार सिंह ने 2017 में मशरूम की खेती शुरू की थी। बागवानी विभाग की तकनीकी मदद और हरियाणा सरकार की सब्सिडी योजनाओं का लाभ उठाकर उन्होंने मशरूम उत्पादन को धीरे-धीरे बड़े स्तर तक बढ़ाया। अवतार को हरियाणा सरकार से 2017 में कंपोस्ट यूनिट और मशरूम उत्पादन यूनिट लगाने के लिए कुल 31 लाख रुपये की सब्सिडी मिली थी। वर्तमान में वह 14 रूम यूनिट यानि 14 हजार स्क्वेयर फीट क्षेत्रफल में मशरूम का उत्पादन कर रहे हैं। साथ ही गांव के पास 2 एकड़ भूमि पर रूम और कंपोस्ट यूनिट स्थापित की है।
अवतार सिंह साल में 5 चक्रों में मशरूम की फसल लेते हैं। एक रूम से औसतन 35 क्विंटल उपज मिलती है। उनका मशरूम लुधियाना और दिल्ली की मंडियों में 75 से 80 रुपये प्रति किलो बिकता है। इस व्यवसाय से उन्हें न केवल लाभ मिल रहा है, बल्कि आसपास के ग्रामीणों के लिए भी रोजगार के अवसर भी पैदा हो रहे हैं। अवतार सिंह का कहना है कि किसान परंपरागत खेती के साथ-साथ मशरूम उत्पादन जैसी वैकल्पिक खेती अपनाएं। यह खेती किसानों की आय दोगुनी करने का सशक्त माध्यम बन सकती है। जिला बागवानी अधिकारी श्रवण कुमार बताते हैं कि मशरूम की खेती किसानों के लिए अत्यंत लाभकारी साबित हो रही है। सरकार किसानों को प्रशिक्षण, तकनीकी मार्गदर्शन और सब्सिडी उपलब्ध कराती है।