Tribune
PT
Subscribe To Print Edition About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

सांसद सैलजा ने सीएम को पत्र लिखा की नरवाना नगर परिषद की सीमा बढ़ाने की मांग

पूर्व केंद्रीय मंत्री व सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा ने नरवाना नगर परिषद की सीमा अवधि बढ़ाने को लेकर मुख्यमंत्री नायब सैनी को एक पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में कहा कि नगर परिषद नरवाना की सीमा 1975 में बढ़ाई...

  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
featured-img featured-img
सांसद सैलजा
Advertisement

पूर्व केंद्रीय मंत्री व सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा ने नरवाना नगर परिषद की सीमा अवधि बढ़ाने को लेकर मुख्यमंत्री नायब सैनी को एक पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में कहा कि नगर परिषद नरवाना की सीमा 1975 में बढ़ाई गई थी और उसके बाद लगभग 50 वर्ष बीतने के बावजूद आज तक इसका विस्तार नहीं किया गया। इस दौरान नरवाना शहर की आबादी लगभग 1 लाख तक पहुंच चुकी है और शहर की लगभग 23 से 25 हजार आबादी नगर परिषद क्षेत्र से बाहर कॉलोनियों में रह रही है। इन बाहरी कॉलोनियों के निवासी नगर परिषद सीमा से बाहर होने के कारण न तो बुनियादी सुविधाओं का लाभ ले पा रहे हैं और न ही उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ मिल पा रहा है।

सैलजा ने पत्र में कहा कि चिंता का विषय है कि इन निवासियों को न तो पीने के साफ पानी, सीवरेज, सड़क, रोशनी व नाली जैसी मूलभूत सुविधाएं मिल रही हैं और न ही सरकारी योजनाओं में उनका समुचित अधिकार मिल पाता है, जबकि नगर परिषद द्वारा हाल ही में आयोजित ‘स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 व 2022’ में इन इलाकों का भी प्रत्यक्ष उपयोग लिया गया। उन्होंने कहा कि ढाकल रोड, गुरथली रोड, धर्म सिंह कॉलोनी, प्रेम नगर भाग-2, लघु सचिवालय के पीछे कॉलोनी, इंदिरा कॉलोनी भाग- 2, विश्वकर्मा कॉलोनी, आजाद नगर, ढाणी, हिसार रोड व अन्य कई कॉलोनियां आज भी नगर परिषद सीमा से बाहर की श्रेणी में हैं, जबकि ये पूरी तरह नरवाना शहर का हिस्सा बन चुकी हैं।

Advertisement

पार्षद आशुताष शर्मा ने कहा कि सांसद सैलजा अपने लोकसभा क्षेत्र सिरसा के नरवाना विधानसभा की शहरी और ग्रामीण समस्याओं को लेकर काफी संजीदा है। उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मांग की है कि नगर परिषद नरवाना की सीमा को बढ़ाकर तमाम कॉलोनियों को वैध सीमा क्षेत्र में शामिल किया जाए। ताकि शहर के बाहरी क्षेत्र में रहने वाले हजारों लोग भी समान रूप से विकास और सरकारी सुविधाओं का अधिकार प्राप्त कर सकें।

Advertisement

Advertisement
×