मंडी में गेहूं के पहाड़, धान के लिए स्थान का अकाल
प्रशासन के कुप्रबंधन से किसान नाराज, खुले में पड़ी फसल बर्बाद होने की आशंका
जिले की अनाज मंडियों में एक बार फिर प्रशासनिक कुप्रबंधन की तस्वीर दिखाई दे रही है। धान सीजन शुरू हुए कई दिन बीत चुके हैं, लेकिन मंडी में पिछले सीजन का गेहूं अभी तक नहीं उठा। इससे मंडियां गेहूं से अटी पड़ी हैं और नए धान की आवक के साथ ही यहां के हालात बिगड़ते जा रहे हैं। किसान खुले आसमान के नीचे अपनी फसल बिछा रहे हैं और परेशान हैं। मंडियों के शैड पर पुराना गेहूं पड़ा है।
किसान सतपाल, हसबंस टीक, श्याम लाल क्योड़क और लखवीर टीक ने बताया कि मंडियों में हालात दिन-प्रतिदिन बिगड़ते जा रहे हैं। बरसात के मौसम में खुले में पड़ी फसल के भीगने से गुणवत्ता पर असर पड़ रहा है। किसान लगातार मंडी कर्मचारियों और प्रशासनिक अधिकारियों को समस्या से अवगत करा रहे हैं, मगर कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा। किसानों का कहना है कि सरकार ने फसल खरीद का आश्वासन तो दिया, परंतु भंडारण और उठान की व्यवस्था पूरी तरह लचर है। मंडी में जगह न होने के कारण कई किसान अपनी फसल ट्रॉलियों में ही लिए घूम रहे हैं। बारिश होने पर यह फसल नष्ट होने का खतरा बढ़ गया है। किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि मंडियों से गेहूं का उठान 48 घंटे के भीतर नहीं किया गया तो वे जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन करेंगे और मुख्यमंत्री को कैथल प्रशासन की लापरवाही की शिकायत सीधे सौंपेंगे। उधर दोपहर को हुई बरसात में किसानों की फसल भीग गई। इस बारे में जब मार्किट कमेटी सचिव नरेन्द्र ढुल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि एक शैड के नीचे वेयर हाऊस की गेहूं रखी है। इस बारे में उन्होंने एसडीएम, वेयर हाऊस को चिट्टïी लिखी है। उन्होंने वैसे तो 30 सितंबर तक का समय मांगा था। उम्मीद है कि शीघ्र ही गेहूं का उठान हो जाएगा।