तोड़ते-फोड़ते 100 से अधिक बन गयी कॉलोनियां
पिछले कई सालों से जिलेभर के शहरों में अवैध कॉलोनियां रोकने के लिए डीटीपी विभाग जुटा है, हर तीसरे दिन अवैध कॉलोनियों में तोड़फोड़ हो रही है। लेकिन स्थाई तौर पर अवैध कॉलोनियां विकसित होने से नहीं रुक रही। तोड़ने-फोड़ने के बाद भी शहरों में 100 से अधिक अवैध कॉलोनियां का जाल फैला हुआ है, शासन-प्रशासन के सामने करनाल शहर, असंध, घरौंडा, इंद्री, तरावड़ी, नीलोखेड़ी में अरबों रुपए का कारोबार तेजी से फल फूल रहा है। जो डीटीपी विभाग की हल्की कार्रवाहियों से रोके नहीं रुक रहा। इन सालों में जो अवैध कॉलोनियां लगभग विकसित हो चुकी हैं, उनकी गिनती संभव नहीं है।
विधायक आंनद ने विस में उठाया था मुद्दा
करनाल विधायक जगमोहन आंनद अवैध कॉलोनियों को रोकने के लिए विधानसभा में आवाज उठा चुके हैं। उन्होंने कहा था कि सरकार जल्द 2041 का मास्टर प्लान लेकर आए, जिससे आवासीय क्षेत्र रकबा बढ़ जाएगा और लोगों का घर बनाने का सपना साकार हो सकेगा। उन्होंने कहा कि मास्टर प्लान से अवैध कॉलोनियां स्वत: ही रुक जाएंगी।
‘नया मास्टर प्लान जरूरी’
वरिष्ठ अधिवक्ता जगमाल जटैन ने बताया कि जब तक सरकार मास्टर प्लान लेकर नहीं आती, तब तक अवैध कॉलोनियां ऐसे ही पनपती रहेंगी। अवैध कॉलोनियां पनपने से रोकने के लिए मास्टर प्लान बहुत जरूरी है। इसके साथ अवैध कॉलोनियां काटने वालों के खिलाफ भ्रष्टाचार की धाराओं में मामला दर्ज किया जाए।
पिछले 2 दिनों में करनाल शहर में 6 अवैध कॉलोनियों के खिलाफ कार्रवाई की है। इनमें पहली अवैध कॉलोनी लगभग एक एकड़ में गांव कम्बोपुरा में, व दूसरी चार एकड़ में गांव कम्बोपुरा में अशोक विहार कॉलोनी के पीछे स्थित है। वहीं, एक अवैध कालोनी चार एकड़ में गांव बजीदा के रकबा में दहा के पास, एक 2 एकड़ में मंगलपुर में, एक 1.25 एकड़ में गांव मंगलपुर में व एक अवैध कॉलोनी 2.5 एकड़ में फूसगढ़ में स्थित है।
-गुंजन, डीटीपी