मोदी सरकार ने पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली को किया सुदृढ़ : बंडारु दत्तात्रेय
पंकज अरोड़ा/निस
पिपली (कुरुक्षेत्र), 18 अप्रैल
हरियाणा के राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय ने कहा कि श्रीकृष्ण आयुष विश्वविद्यालय के पहले दीक्षांत समारोह से डिग्री हासिल करने वाले चिकित्सक अब पूरे विश्व में भारत की प्राचीन आयुर्वेद पद्धति को पहुंचाएंगे। इस पद्धति की आज पूरे विश्व के स्वास्थ्य जगत में मांग है। इतना ही नहीं आने वाले समय में आयुर्वेद क्षेत्र में आपार संभावनाएं हैं।
राज्यपाल शुक्रवार को श्रीकृष्ण आयुष विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र में आयोजित प्रथम दीक्षांत समारोह में बोल रहे थे। इससे पहले राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के 9 करोड़ 50 लाख से निर्मित ऑडिटोरियम हॉल का शुभारंभ किया। इसके उपरांत राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय, आयुष विभाग के सचिव पदमश्री वैद्य राजेश कोटेचा, शासी निकाय राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ नई दिल्ली के अध्यक्ष पदम भूषण वैद्य देवेन्द्र त्रिगुणा, श्रीकृष्ण आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. वैद्य करतार सिंह धीमान ने दीप शिखा प्रज्ज्वलित करके विधिवत रूप से प्रथम दीक्षांत समारोह का शुभारंभ किया। समारोह में राज्यपाल की उपस्थिति में 126 विद्यार्थियों को स्नातक व स्नातकोत्तर की डिग्री देकर सम्मानित किया गया, इनमें से 26 उपाधि धारकों को स्वर्ण पदक से भी सम्मानित किया गया। समारोह में शासी निकाय राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ नई दिल्ली के अध्यक्ष एवं गोल्ड पदम भूषण वैद्य देवेन्द्र त्रिगुणा को डॉक्टर ऑफ लिटरेचर की मानद उपाधि से नवाजा गया। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह की स्मारिका का भी विमोचन किया। राज्यपाल ने कहा कि मोदी सरकार ने आयुष विभाग को लगभग 4 हजार करोड़ आवंटित करके पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली को सुदृढ़ करने का बीड़ा उठाया है। मुख्यमंत्री नायब सैनी व मंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में कुरुक्षेत्र में देश का पहला श्रीकृष्ण आयुष विश्वविद्यालय स्थापित हुआ।