खनन माफिया प्रतिदिन 55 हजार मीट्रिक टन खनन सामग्री की कर रहे चोरी, सरकार को 2 करोड़ का रोजाना नुकसान
खनन जोन में अवैध गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए डिस्ट्रिक्ट लेबर टास्क फोर्स (डीएलटीएफ) द्वारा पूर्व में 8 से 10 चेकिंग पॉइंट स्थापित किए गए थे। शुरुआती दौर में इन नाकों से अवैध खनन पर रोक लगी थी, लेकिन अब इन पर कर्मचारियों की मौजूदगी न के बराबर है। इस कारण अवैध खनन और ओवरलोडिंग फिर से तेजी पकड़ चुकी है।
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि शाम ढलते ही सैकड़ों ओवरलोड डंपर खनन सामग्री लेकर निकलते हैं और विभागीय कर्मचारी इनसे सुविधा शुल्क लेकर उन्हें जाने देते हैं। ग्रामीण मोहम्मद इकबाल, मुस्तफा, नाथूराम, ज्ञानचंद, हुकम सिंह और वरिंदर ने बताया कि अधिकारी शिकायत मिलने पर केवल औपचारिक कार्रवाई करते हैं और 1000 से 1200 टन की एफआईआर दर्ज कर मामले को दबा देते हैं।
विशेष रूप से बेलगढ़, ताजेवाला और रंजीतपुर गांवों में प्रतिदिन 30 से 35 हजार मीट्रिक टन खनन सामग्री की चोरी बताई जा रही है। ग्रामीणों ने सरकार से मांग की है कि चेकिंग प्वाइंट्स को फिर से सक्रिय किया जाए और जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई हो, ताकि राजस्व की हानि और पर्यावरणीय नुकसान को रोका जा सके।
