ट्रेंडिंगमुख्य समाचारदेशविदेशखेलबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाफीचरसंपादकीयआपकी रायटिप्पणी

मिड-डे मील वर्कर्स 3 को पानीपत में शिक्षा मंत्री के निवास पर करेंगी प्रदर्शन

मिड-डे मील वर्कर्स यूनियन 3 अगस्त को पानीपत में शिक्षा मंत्री के निवास पर प्रदर्शन करेंगी। यह जानकारी आज यूनियन की जिला प्रधान ललिता खन्ना व सचिव सोनिया ने जिला कमेटी की बैठक में दी। बैठक में 3 अगस्त को...
Advertisement

मिड-डे मील वर्कर्स यूनियन 3 अगस्त को पानीपत में शिक्षा मंत्री के निवास पर प्रदर्शन करेंगी। यह जानकारी आज यूनियन की जिला प्रधान ललिता खन्ना व सचिव सोनिया ने जिला कमेटी की बैठक में दी। बैठक में 3 अगस्त को पानीपत जाने के लिए ब्लाॅक वाइज पदाधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई, इसमें ललिता खन्ना की ब्लाॅक अम्बाला शहर व छावनी, सोनिया, रेणु बाला व नीलम की साहा व बराड़ा और राज कुमारी, कविता, किरण व सोनिया की नारायणगढ़ व शहजादपुर ब्लॉक में ड्यूटी लगाई गई। साथ ही वर्कर्स 21 जुलाई को अम्बाला शहर व छावनी और 22 जुलाई को नारायणगढ़ व बराड़ा के विधायकों को ज्ञापन देंगी। ललिता खन्ना ने कहा कि वर्कर्स लंबे समय से सरकार से स्थाई कर्मचारी का दर्जा व न्यूनतम वेतन 26 हजार की मांग कर रही हैं, परंतु सरकार सुनवाई नहीं कर रही। इसके अलावा रिटायरमेंट पर 2 लाख ग्रेच्युटी व 10 हजार महीना पेंशन, 10 की बजाए 12 महीने का वेतन, वर्दी भत्ता 2 हजार रुपये सालाना, हटाई गई वर्कर्स को वापस काम पर लेने और स्कूलों को मर्ज करने की नीति पर पर रोक लगाने की मांग है, लेकिन चुप्पी साधे बैठी है, इन हालात में आंदोलन के सिवाए कोई रास्ता नहीं है। सीटू जिला सचिव सतीश सेठी व रोडवेज के पूर्व प्रधान इंद्र सिंह बधाना ने संबोधित करते हुए कहा कि एक तो प्रदेश सरकार ने पिछले 10 सालों से न्यूनतम वेतन रिवाइज नहीं किया, ऊपर से प्रदेश सरकार अपने खुद के घोषित न्यूनतम वेतन 11,257 रुपये की बजाए वर्कर्स को केवल 7 हजार रुपये दे रही है। यह 7 हजार रुपए भी साल में केवल 10 महीने ही वर्कर को मिलते हैं और वह भी समय पर नहीं मिलते। जिला में अभी भी 2 से 3 महीने का वेतन वर्कर्स का बकाया है।

Advertisement
Advertisement
Tags :
Dainik Tribune Hindi NewsDainik Tribune newsHindi Newslatest newsदैनिक ट्रिब्यून न्यूज