Tribune
PT
Subscribe To Print Edition About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा’ में 32 किसानों की रेड एंट्री

रमेश सरोए/हप्र करनाल, 19 अक्तूबर फसल अवशेषों को आग लगाने वाले किसानों पर सरकार ने सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट स्वयं मॉनिटरिंग कर रहा हैं। यही वजह है कि पराली जलाने वाले किसानों पर सीधे...

  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
featured-img featured-img
करनाल के गांव ओगंद में शनिवार को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की वैज्ञानिक डॉ. कोमल प्रसाद, उप कृषि निदेशक डॉ वजीर सिंह की टीम पराली जलाने के मामले की जांच करती हुई। -हप्र
Advertisement

रमेश सरोए/हप्र

करनाल, 19 अक्तूबर

Advertisement

फसल अवशेषों को आग लगाने वाले किसानों पर सरकार ने सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट स्वयं मॉनिटरिंग कर रहा हैं। यही वजह है कि पराली जलाने वाले किसानों पर सीधे एफआईआर दर्ज की जा रही हैं, साथ ही किसानों की फसल को एमएसपी पर नहीं खरीदा जाएगा। इसके लिए मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पराली जलाने वाले किसानों की रेड एंट्री की जा रही है। अब वे समर्थन मूल्य पर अपनी फसल नहीं बेच सकेंगे।

Advertisement

कृषि अधिकारी की माने तो करनाल जिले में पराली जलाने के 67 मामले सामने आए हैं, इनमें से 10 लोकेशन पर आग नहीं पाई गई। 10 केस ऐसे पाए गए जो एक्सीडेंटल आग लगने के मिले हैं। इनकी जांच में पुष्टि हो चुकी हैं, जबकि 40 किसानों पर 1.10 लाख का जुर्माना लगाया गया हैं।  10 किसानों पर एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं जबकि एक लोकेशन दूसरे जिले की मिली हैं। इन किसानों में 32 किसानों के नाम ‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर रेड एंट्री की जा चुकी है और अन्य की प्रक्रिया चल रही है। रेड एंट्री हो जाने पर किसान दो सीजन के लिए अपनी फसल एमएसपी पर नहीं बेच सकेंगे।

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप कृषि निदेशक डॉ. वजीर सिंह ने बताया कि शनिवार को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की वैज्ञानिक डाॅ. कोमल प्रसाद, उपकृषि निदेशक डॉ़ वजीर सिंह, तकनीकी सहायक अधिकारी डॉ़ सुनील कुमार की टीम जुंडला स्थित शराब फैक्टरी की ओगंद गांव में रखी पराली की गांठों में आग लगने के कारणों की जांच करने पहुंची थी। जांच में पुष्टि हुई कि आग लगने का कारण एक्सीडेंटल था। उन्होंने बताया कि जो किसान पराली में आग लगाएगा, उसके खिलाफ सीधे तौर पर एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी। ऐसे किसानों के नाम मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल में रेड एंट्री कर दिए जाएंगेे।

‘सरकार छोटे किसानों तक पहुंचाए कृषि उपकरण’

भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष रतनमान ने बताया कि किसान फसल अवशेषों में आग न लगाए, जबकि मझोले किसानों तक संसाधन नहीं पहुंच पाए हैं। सरकार और कृषि विभाग छोटे-छोटे किसानों तक कृषि उपकरणों को पहुंचाए। अगर सरकार तानाशाही फरमान लागू करती है तो इसे सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसानों पर सरकारी सुविधाओं में कमी के नाम पर कोई पाबंदी लगायी जाती है तो भाकियू इसका डटकर विरोध करेगा।

Advertisement
×