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विश्व के अनेक चिंतकों ने गीता को खुले मन से स्वीकारा : ज्ञानानंद महाराज

श्री कृष्ण कृपा सेवा समिति जगाधरी-यमुनानगर की और से कान्हा उपवन जगाधरी में आयोजित चार दिवसीय दिव्या गीता सत्संग कार्यक्रम के प्रथम दिवस शनिवार को स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने भक्तों पर अपनी सरल ओजस्वी वाणी से गीता ज्ञान की अमृत...
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जगाधरी में आयोजित दिव्य गीता ज्ञान सत्संग कार्यक्रम में स्वामी ज्ञानानंद का आशीर्वाद लेते पूर्व कैबिनेट मंत्री चौधरी कंवरपाल गुर्जर।-हप्र
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श्री कृष्ण कृपा सेवा समिति जगाधरी-यमुनानगर की और से कान्हा उपवन जगाधरी में आयोजित चार दिवसीय दिव्या गीता सत्संग कार्यक्रम के प्रथम दिवस शनिवार को स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने भक्तों पर अपनी सरल ओजस्वी वाणी से गीता ज्ञान की अमृत वर्षा की। मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व कैबिनेट मंत्री चौधरी कंवरपाल गुर्जर मौजूद रहे।‌ इस अवसर पर भाजपा के जिला अध्यक्ष राजेश सपरा, सीता राम मित्तल, अरुण गर्ग, कुलदीप गर्ग, समिति प्रधान संदीप बंसल, संरक्षक जतिंद्र गुप्ता, अनिल छाबड़ा, जतिंदर गांधी आदि ने स्वामी जी को पुष्प माला पहनाकर कर उनका आशीर्वाद लिया। स्वामी ज्ञानानंद ने भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि श्रीमद भगवद गीता एक छोटा-सा ग्रंथ 18 अध्याय, 700 श्लोक संजोये हुए दिव्य ग्रंथ है।‌ यह बहुत गहरा, बहुत उदार ग्रंथ है। स्वामी जी ने कहा कि

विश्व के अनेक चिंतकों ने इस ग्रंथ को खुले मन से स्वीकारा है। गुरुदेव ने कहा कि भादो मास की अलग ही पहचान है, क्योंकि गणपति उत्सव का आयोजन महाराष्ट्र से आरंभ हो आज न केवल भारत बल्कि विदेशों में भी मनाया जाता है । महाराज ने कहा कि राधा रानी की राधा अष्टमी भी इसी मास की शोभा बढ़ा रही है। भगवान वामन भी इसी भादो मास में आते हैं।‌ इस अवसर पर प्रदीप मित्तल, नीरज, नीरू, भारत भूषण बंसल, राकेश गर्ग, केवल कृष्ण सैनी, भानु प्रताप सिंह आदि मौजूद रहे ।

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