करनाल, 4 मई (हप्र)
करनाल की पूर्व मेयर रेणु बाला ने कहा कि सियासत में सिद्धांत कितने मायने रखते हैं, अगर यह देखना है तो पूर्व सीएम मनोहर लाल के साढ़े नौ साल के कार्यकाल को देखिए। उन्होंने सिद्धांत की राजनीति की है। कभी अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया। सीएम पद छोड़ना हो या फिर करनाल के विधायक पद से रिजाइन करना हो, उन्होंने एक मिनट की देरी किए बिना सब कुछ छोड़ दिया। यह राजनीति में उनके त्याग का बड़ा उदाहरण है। जो उन्हें राजनीति में दूसरे राजनेताओं से अलग करता है। नौकरियों में पारदर्शिता लाकर उन्होंने पर्ची खर्ची सिस्टम को खत्म करने में जो संघर्ष किया, उसे वह स्वयं ही जानते हैं। इसके लिए उन पर कितना दबाव था। क्योंकि हरियाणा जैसे प्रदेश में नौकरियों में भाई भतीजावाद क्षेत्रवाद व भ्रष्टाचार की जड़ बहुत गहरी थी। यह माना ही नहीं जा सकता था कि सरकारी नौकरी योग्यता के आधार पर भी मिल सकती है। लेकिन उन्होंने साबित कर दिया। आज सरकारी नौकरियों में जो पारदर्शिता आयी इसका उदाहरण दिया जाता है।