जसमेर मलिक/हप्र/ जींद,24 फरवरी: जींद जिला परिषद (Jind District Council) चेयरपर्सन मनीषा रंधावा के खिलाफ उनके विरोधियों द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव सोमवार को जिला परिषद की विशेष बैठक में गिर गया। इसके साथ ही मनीषा रंधावा की कुर्सी अगले एक साल के लिए पूरी तरह सुरक्षित हो गई है। सोमवार को जिला परिषद की विशेष बैठक दोपहर बाद 3 बजे हुई। डीसी मोहम्मद इमरान रजा की अध्यक्षता में हुई बैठक में जिला परिषद के सीईओ अनिल दून तथा चेयरपर्सन मनीषा रंधावा के अलावा और कोई जिला पार्षद नहीं पहुंचा।Jind District Council : इसलिये बुलाई गई थी बैठकयह विशेष बैठक जिला परिषद में चेयरपर्सन विरोधी खेमे द्वारा पिछले साल 3 दिसंबर को डीसी को चेयरपर्सन के खिलाफ दिए गए अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस पर बुलाई गई थी। अविश्वास प्रस्ताव पर लगातार तीन बैठक स्थगित होने के बाद सोमवार को हाई कोर्ट के आदेश पर बैठक हुई। डीसी मोहम्मद रजा ने बैठक की अध्यक्षता की।बैठक शुरू होने के लगभग 30 मिनट बाद तक भी जब विरोधी गुट का एक भी पार्षद बैठक में भाग लेने के लिए नहीं पहुंचा, तो डीसी ने चेयरपर्सन के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को गिरा हुआ घोषित कर दिया। डीसी ने कहा कि अब नियमों के अनुसार अगले एक साल तक जिला परिषद चेयरपर्सन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकेगा। फजीहत करवा बैठे विरोधीजिला परिषद चेयरपर्सन मनीषा रंधावा के खिलाफ जिला परिषद में बगावत का झंडा उठाने वाले उनके विरोधी अपने ही जाल में उलझ कर अपनी फजीहत करवा बैठे। इनमें जिला परिषद के वाइस चेयरमैन सतीश हथवाला समेत एक दर्जन से ज्यादा पार्षद शामिल थे। विरोधी खेमा कभी भी अपने साथ जिला परिषद के दो-तिहाई पार्षदों का समर्थन अढ़ाई महीने से भी ज्यादा के समय मिलने के बाद भी नहीं जुटा पाया। सोमवार को जिस तरह विरोधी गुट का अविश्वास प्रस्ताव गिरा, जिसमें विरोधी गुट बैठक में भाग लेने के लिए पहुंचने की हिम्मत ही नहीं जुटा पाया।भाजपा की हुई Jind District Councilजिला परिषद चेयरपर्सन मनीषा रंधावा और उनके पति कुलदीप रंधावा ने जिला परिषद की राजनीति में अपने दम का डंका बजा दिया है। मनीषा और उनके पति कुलदीप रंधावा जिस तरह पिछले सप्ताह रोहतक में भाजपा में विधिवत रूप से शामिल हुए, उससे अब जींद जिला परिषद भाजपा की हो गई है। इससे पहले मनीषा रंधावा और उनके पति कुलदीप रंधावा कांग्रेस में थे, जबकि मनीषा रंधावा की चेयरपर्सन पद पर ताजपोशी के समय मनीषा रंधावा उनके पति कुलदीप रंधावा जजपा में थे।इस तरफ पिछले लगभग 2 साल के कार्यकाल में जींद जिला परिषद ने तीन रंग बदले हैं। पहले जिला परिषद पर जजपा का झंडा फहराया था। उसके बाद मनीषा रंधावा और उनके पति कांग्रेस की तरफ गए, तो जिला परिषद कांग्रेस की हुई। अब जिला परिषद चेयरपर्सन मनीषा रंधावा और उनके पति कुलदीप रंधावा के भाजपा में शामिल होने के बाद जिला परिषद भाजपा की हो गई है।विरोधी गुट के लिए आगे भी नहीं कोई उम्मीदजिला परिषद की राजनीति में जिस तरह के समीकरण बन गए हैं, उनमें चेयरपर्सन मनीषा रंधावा के विरोधी गुट के लिए भविष्य में भी कोई उम्मीद नजर नहीं आती है।Jind District Council बैठक में विकास का उठाया मुद्दाअपने खिलाफ लाए गए विरोधी गुट के अविश्वास प्रस्ताव के सोमवार को विशेष बैठक में गिर जाने के बाद चेयरपर्सन मनीषा रंधावा ने कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता जींद जिले के ग्रामीण क्षेत्र का विकास है। इसमें वह सरकार और प्रशासन तथा जिला पार्षदों का सहयोग लेकर काम करेंगी।तीन महीनों में तीसरी बार स्थगित हुई जींद जिला परिषद की विशेष बैठक