भगवान विश्वकर्मा संसार के प्रथम शिल्पकार, इंजीनियर
भगवान विश्वकर्मा को संसार का प्रथम शिल्पकार और इंजीनियर भी माना जाता है और विश्वकर्मा जयंती पर उनकी उपासना से व्यक्ति के कारोबार में आ रही समस्याएं दूर होती हैं और व्यापार आगे बढ़ता है। समाजसेवी साहब सिंह खरींडवा यहां एक धार्मिक कार्यक्रम में भाग लेने के उपरांत लोगों को संबोधित करते हुए बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि भगवान विश्वकर्मा ने देवताओं के साथ समन्वय में काम किया, जो हमें सिखाता है कि एक साथ मिलकर काम करने और योजनाबद्ध तरीके से काम करने से हम बड़ी उपलब्धियां हासिल कर सकते हैं।
उन्होंने कहा है कि भगवान विश्वकर्मा ने मानव को सुख सुविधाएं प्रदान करने के लिए अनेक यंत्रों व शक्ति संपन्न भौतिक साधनों का निर्माण किया। साहब सिंह ने कहा है कि भगवान विश्वकर्मा जी ने ब्रमहाजी की उत्पति करके उन्हें प्राणीमात्र का सृजन करने का वरदान दिया और उनके द्वारा 84 लाख योनियों को उत्पन्न किया गया भगवान विश्वकर्मा जी का जन्म भादो माह में हुआ था भगवान विश्वकर्मा को भगवान शिव का अवतार भी माना जाता है। खरींडवा ने कहा कि भगवान विश्वकर्मा का जनता के लिए संदेश था कि मनुष्य कड़ी मेहनत, ईमानदारी और रचनात्मकता से अपने काम करें। परिश्रम ही पूजा है और निर्माण केवल भौतिक नहीं,बल्कि मानसिक, सामाजिक और सांस्कृतिक भी हो सकता है। यह संदेश हमें समन्वय, योजना और संसाधनों के कुशल प्रबंधन के महत्व पर भी जोर देता है, जो किसी भी कार्य को सफल बना सकते हैं। समाजसेवी साहब सिंह खरींडवा ने कहा है कि भगवान विश्वकर्मा का यह भी संदेश था कि कार्य को पूरी निष्ठा और लगन से करना ही ईश्वर की पूजा के समान है। उन्होंने कहा है कि भगवान विश्वकर्मा का संदेश हमें न केवल पारंपरिक बल्कि नई सोच और नवाचार के साथ सृजन करने की प्रेरणा देता है।