लेबर कोड के खिलाफ वामपंथी ट्रेड यूनियनों व कर्मचारी संघों का प्रदर्शन
भाजपा सरकार की मजदूर, किसान, कर्मचारी व पेंशनर्ज नीतियों का विरोध करते हुए विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ताओं ने जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया और बाद में प्रधानमंत्री के नाम 15 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन एसडीएम अम्बाला शहर को सौंपा।
प्रदर्शनकारी अग्रसेन चौक से केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए उपायुक्त कार्यलय पहुंचे। इनका नेतृत्व सीटू से कविता शर्मा, एसकेएस से सेवा राम, रिटायर्ड कर्मियों से कुलदीप चौहान, एटक से ओम प्रकाश, इंटक से बलविंन्द्र सिंह व कर्मचारी महासंघ से नरेंद्र धीमान कर रहे थे। सभी नेताओं ने 29 श्रम कानूनों को खत्म कर बनाए गए चारों लेबर कोडस को मजदूर विरोधी व कारपोरेट्स हितैषी बताया। उन्होंने कहा कि यह कोड मजदूर को यूनियन बनाने व आंदोलन करने तक पर अंकुश लगाते हैं। इसलिए यह किसी भी सूरत में मंजूर नहीं है।
प्रधानमंत्री के नाम सौंपे ज्ञापन में मांग की गई कि 21 नवंबर को लागू किए मजदूर विरोधी चारों लेबर कोडस को वापस लें। न्यूनतम वेतन 26 हज़ार रुपये महीना करने, परियोजना वर्कर्स, कौशल रोजगार निगम के कर्मियों समेत सभी कच्चे कर्मचारियों को नीति बनाकर पक्का करने, सरकारी विभागों में खाली पड़े पदो पर स्थायी भर्ती करने, बेरोजगारों को रोजगार देने, किसानों व मजदूरों के कर्जे माफ करने, सी 2 जमा 50 प्रतिशत फार्मूला पर एमएसपी लागू कर फ़सल खरीद की गारंटी देने, ठेका प्रथा खत्म कर समान काम समान वेतन लागू करने की मांग प्रमुख रूप से की गई है।
वहीं, रिटायर्ड कर्मचारी संघ ने उपायुक्त से प्रदेश सरकार द्वारा प्राइवेट बसों में सीनियर सिटीजऩ को बस किराया में दी गई 50 प्रतिशत की छूट को सख्ती से लागू करवाने और वरिष्ठ नागरिकों के साथ दुर्व्यवहार करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए शिकायत पत्र भी दिया।
प्रदर्शनकारियों सतीश सेठी, रमेश नन्हेंड़ा, रविंद्र शर्मा, दयाल सैनी, अरुण कुमार, अनिल कुमार, जयवीर घनघस, सर्वजीत कौर, ललिता खन्ना, बाबू राम, संजीव कुमार, शीतल राम, राम दास, इंद्र सिंह बधाना, रमेश श्योकंद, अशोक वर्मा, रणजीत सिंह इत्यादि ने संबोधित किया।
