घोटाले की खुल रही परतें, 5 की तलाश
अम्बाला छावनी का गवर्नमेंट कॉलेज करोड़ों रुपए के घोटाले के चलते एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) के निशाने पर है। एंटी करप्शन ब्यूरो ने प्रारंभिक जांच के बाद आठ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है जबकि तीन को जांच में शामिल किया है। जांच के दौरान एसीबी ने पाया है कि करीब 6.50 करोड रुपए का सामान कॉलेज प्रशासन से जुड़े अधिकारियों ने फर्जी बिलों पर प्राप्त किया है इसके बाद इस पूरे मामले की जांच और अधिक तेज हो गई है। सूत्रों से पता चला है कि प्रदेश के शिक्षा मंत्री ने भी इस पूरे मामले को लेकर एसीबी से एक रिपोर्ट मंगाई है जबकि अम्बाला छावनी के विधायक एवं प्रदेश के ऊर्जा एवं परिवहन मंत्री अनिल विज खुद भी इस पूरी जांच को लेकर गंभीरता से देख रहे हैं। विभागीय सूत्रों से पता चला है कि एसीबी नामजद पांच लोगों को गिरफ्तार करना चाह रही है जो फिलहाल वे पकड़ से बाहर हैं। दरअसल अंबाला छावनी का गवर्नमेंट कॉलेज पिछले काफी समय से विवादों में गिरा था। कुछ दिनों पहले कॉलेज के ही एक कर्मी रमेश ने एंटी करप्शन ब्यूरो को शिकायत दी, जिसके आधार पर जांच शुरू कर दी है। जांच में पाया गया है कि कॉलेज प्रशासन द्वारा भवन निर्माण को लेकर फर्जी बिलों के माध्यम से करोड़ों रुपए का घोटाला किया है, इसके अलावा लाइब्रेरी की किताबों को भी बिल का आधार बनाकर हेराफेरी की गई है। छात्रों के टूर बिल बनाकर कथित हेराफेरी की जांच भी चल रही है। कॉलेज के फर्नीचर खरीद को लेकर भी बड़ा गड़बड़झाला होने की जांच एजेंसी को संभावना है। एंटी करप्शन ब्यूरो के सूत्रों से पता चला है कि जांच कर रही टीम ने 2021 से लेकर अब तक के कॉलेज प्रबंधन को जांच में शामिल होने के लिए कहा है क्योंकि इस वक्त से जितने भी प्राचार्य समय समय पर इस कॉलेज को संभालते रहे सभी पर उंगली उठ रही है। जांच में ऐसे चार प्राचार्य हैं जो कभी भी एंटी करप्शन ब्यूरो की गिरफ्त में आ सकते हैं क्योंकि इन्हीं प्राचार्य के समय में कॉलेज के फंड का धड़ल्ले से दुरुपयोग किया गया है।
