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गीता महोत्सव में देश के कोने-कोने से पहुंचे लाखों पर्यटक

अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव : शिल्प व सरस मेले में लोगों ने जमकर खरीदारी की, सांस्कृतिक कार्यक्रमों का उठाया लुफ्त
कुरुक्षेत्र में आयोजित गीता महोत्सव में ब्रह्मसरोवर के तट पर प्रस्तुति देते कलाकार।  -हप्र
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अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव में देश के कोने-कोने से लाखों पर्यटक ब्रह्मसरोवर पर पहुंचे। महोत्सव में पर्यटकों ने उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक कला केंद्र के शिल्प मेले और डीआरडीए के सरस मेले में जमकर खरीददारी की। अहम पहलू ये है कि इन पर्यटकों ने ब्रह्मसरोवर के घाटों पर एनजेडसीसी की तरफ से चल रहे सांस्कृतिक कार्यक्रमों का खूब आनंद उठाया। बृहस्पतिवार को हरियाणा ही नहीं देश के राज्यों से पर्यटक सुबह से ही ब्रह्मसरोवर पर शिल्प व सरस मेले में पहुंचने शुरू हो गए थे।

शिल्प और सरस मेले में एनजेडसीसी की तरफ से आमंत्रित शिल्पकारों, डीआरडीए की तरफ से सरस मेले में विभिन्न राज्यों, हरियाणा के सभी जिलों से आए सेल्फ हेल्प ग्रुप और शिल्पकारों की शिल्पकला को पर्यटकों ने निहारा और जमकर खरीददारी भी की। इतना ही नहीं पर्यटकों ने राजस्थानी खान-पान दाल-बाटी व चुरमा, हरियाणा के देशी व्यंजनों, ताऊ बलजीत की गोहाना जलेबी, कश्मीरी काहवा समेत अन्य पकवानों का स्वाद चखा। कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के मानद सचिव उपेंद्र सिंघल ने कहा कि गीता महोत्सव में देश के कोने-कोने से आने वाले पर्यटकों व श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए।

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महोत्सव के तहत इस वर्ष लगाए गए हरियाणा पवेलियन ने अपनी विशिष्ट सांस्कृतिक झलकियों के चलते लोगों का ध्यान आकर्षित किया। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग द्वारा स्थापित यह पवेलियन महोत्सव में प्रमुख आकर्षण के रूप में उभरा। हरियाणा लोक गायन की विभिन्न शैलियां एवं हरियाणवी संस्कृति के विभिन्न आयाम को हरियाणवी लोक कलाकारों ने अपने गीतों एवं नृत्य के द्वारा अवगत करवाया। गीता महोत्सव के अंतर्गत हरियाणा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी द्वारा स्थापित गीता पुस्तक मेले के साहित्य मंच पर गीता में कर्मयोग एवं तत्त्वबोध विषय पर एक सार्थक एवं ज्ञानवर्धक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के उपलक्ष्य में भारतीय योग संस्थान की हरियाणा प्रांत इकाई द्वारा ब्रह्मसरोवर के पावन तट पर एक योग जन जागरण यात्रा निकाली गई।

राजस्थान की संस्कृति की दिखी झलक

गीता महोत्सव में लोग राजस्थान की दाल बाटी, चूरमा ओर राजस्थान की राज कचोरी, केसरिया दूध आदि स्वादिष्ट पकवानों का स्वाद चखने महोत्सव में दूर-दूर से आ रहे हैं। बनारस के शिल्पकार अकील अहमद 25 सालों से लगातार महोत्सव में आ रहे है और महोत्सव में आने वाली महिलाओं के लिए बनारसी सूट, साड़ी और दुपट्टे तैयार करके लाते है। ब्रह्मसरोवर तट पर उत्तर-पूर्वी तट पर स्थित स्टाल नंबर 133 पर पर्यटक कश्मीर के काहवा का स्वाद चख रहे हैं। गीता जयंती महोत्सव के अवसर पर महर्षि विद्या मंदिर विद्यालय कुरुक्षेत्र के सभी छात्रों व विद्यालय परिवार ने मिलकर पवित्र ब्रह्मसरोवर पर गुरु-परंपरा पूजन किया। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के ललित कला विभाग की छात्रा तन्नू जीवन में नया करना चाहती है और अपने कौशल के माध्यम से वूलन, कॉटन की डोर से मैट, टोकरी, ड्राई फ्रूट की ट्रे, हैंडबैग सहित अन्य वस्तुएं बड़े उत्साह के साथ बना रही है। शिल्प मेले में स्टाल नंबर 324 पर मौजूद हैंड मेड पेंटिंग और मिनिएचर आर्ट ने पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित किया है, जिससे स्टॉल की रौनक महोत्सव की शान बढ़ा रही है।

 

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