गलत खानपान से बढ़ रहे किडनी के रोग : प्रो. रमाकांत
श्रीकृष्ण आयुष विश्वविद्यालय के काय चिकित्सा विभाग द्वारा आयोजित साप्ताहिक सतत चिकित्सा शिक्षा कार्यक्रम (कंटीन्यूइंग मेडिकल एजुकेशन) के दूसरे दिन मंगलवार को मुख्य वक्ता के रूप में ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद दिल्ली के प्रो. वैद्य रमाकांत यादव ने शिरकत की। पहले सत्र में प्रो. यादव ने मूत्रवह स्त्रोतस से जुड़ी बीमारियों, उसके कारण, निदान व आयुर्वेदिक उपचार पद्धतियों पर विस्तार से चर्चा की। काय चिकित्सा विभाग की चेयरपर्सन प्रो. नीलम रानी, एसोसिएट प्रो. नेहा लांबा व डॉ. प्रीति गहलावत मौजूद रहे। मुख्य वक्ता प्रो. यादव ने कहा कि बदलती जीवनशैली और गलत खानपान से आज किडनी और मूत्र संबंधी रोग तेजी से बढ़ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आयुर्वेद में इन स्थितियों को अलग-अलग नामों से परिभाषित किया गया है। प्रो. यादव ने बताया कि इन बीमारियों से निपटने के लिए आयुर्वेद में कई सिद्ध और प्रभावी उपचार बताए गए हैं। दूसरे सत्र में प्रो. यादव ने शरीर की इम्युनिटी बनने की प्रक्रिया पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि जन्म लेते ही बच्चे के अंदर सहज बल मौजूद होती है। इसके बाद ऋतु के अनुसार काल जबल विकसित होता है। इसी तरह डाइट, व्यायाम और रसायन चिकित्सा से युक्तिकृत बल तैयार किया जा सकता है। प्रो. यादव ने इम्युनिटी बढ़ाने के लिए आंवले को सबसे महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि यदि इसे मिश्री या शहद के साथ नियमित रूप से लिया जाए, तो यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को दोगुना कर देता है और शरीर को कई बीमारियों से सुरक्षित रखता है।