मुख्य समाचारदेशविदेशहरियाणाचंडीगढ़पंजाबहिमाचलबिज़नेसखेलगुरुग्रामकरनालडोंट मिसएक्सप्लेनेरट्रेंडिंगलाइफस्टाइल

खानपुर के हेमंत बने लेफ्टिनेंट, ग्रामीणों ने किया स्वागत

गुंजन कैहरबा/निस इन्द्री, 15 जून उपमंडल के गांव खानपुर के हेमंत कुमार देहरादून आईएमए से लेफ्टिनेंट बनकर गांव लौटे तो पूरा गांव स्वागत में उमड़ पड़ा। ग्रामीणों ने फूलमालाओं, पुष्पवर्षा व तालियों के साथ लेफ्टिनेंट हेमंत का स्वागत किया। लेफ्टिनेंट...
इन्द्री के गांव खानपुर में लेफ्टिनेंट हेमंत का स्वागत करते माता-पिता व ग्रामीण। -निस
Advertisement

गुंजन कैहरबा/निस

इन्द्री, 15 जून

Advertisement

उपमंडल के गांव खानपुर के हेमंत कुमार देहरादून आईएमए से लेफ्टिनेंट बनकर गांव लौटे तो पूरा गांव स्वागत में उमड़ पड़ा। ग्रामीणों ने फूलमालाओं, पुष्पवर्षा व तालियों के साथ लेफ्टिनेंट हेमंत का स्वागत किया। लेफ्टिनेंट हेमंत ने केक काटा और पिता ओम प्रकाश व माता सुनीता का मुंह मीठा करवाया।

हेमंत ने 2015 में भारतीय सेना के सिपाही के रूप में जॉइन किया था। नागपुर में प्रशिक्षण के उपरांत उन्होंने श्रीनगर, पटियाला व पठानकोट समेत कई स्थानों पर सेवाएं दी। सेना में रहते हुए उन्होंने परीक्षा उत्तीर्ण की और भारतीय सैन्य अकादमी से प्रशिक्षण प्राप्त करके गांव पहुंचे। हेमंत के पिता ओमप्रकाश ठेके पर जमीन लेकर खेती करते हैं। उनकी माता सुनीता गृहिणी हैं। एक आम परिवार से निकले युवक का सेना का अधिकारी बनना पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। दैनिक ट्रिब्यून संवाददाता से बातचीत में हेमंत बताते हैं कि वे 10 साल भारतीय सेना में सेवाएं दे चुके हैं। जब उनको सेवा के 8 साल पूरे हो गए थे तो उन्होंने ठान लिया था कि वे फौज में अफसर बनेंगे। इसके लिए उन्होंने मन लगाकर मेहनत की। परिवार का पूरा सहयोग मिला। जब वे घर आते थे तो पुस्तकालय जाकर तैयारी करते थे। सेवाकाल में वे ऑनलाइन तैयारी करते थे। उन्होंने बताया कि गांव के युवाओं को फौज के लिए भागदौड़ करते हुए उन्हें सेना में जाने की प्रेरणा मिली थी। गांव के लोगों द्वारा अभिनंदन किए जाने पर गर्व महसूस कर रहे हैं। युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि स्थिरता के साथ काम करने वालों को सफलता जरूर मिलती है, जो ठान लिया है, उसे पूरा करने के लिए जी-तोड़ मेहनत करें। माता व पिता ने कहा कि उन्हें अपने बेटे पर विश्वास था। वह छुट्टी में जब भी घर पर आता था तो उसके मन में हमेशा आगे बढ़ने का उत्साह और जोश रहता था। घर पर आकर वह तैयारी में लगा रहता था। परिवार से भाई व अध्यापक सुशील कुमार ने कहा कि हेमंत कुमार की उपलब्धि पूरे गांव ही नहीं पूरे इन्द्री क्षेत्र के लिए हर्ष का विषय है। वह युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बन गया है।

Advertisement
Show comments