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नियमों को ताक पर रख कर स्टॉक किया लाखों रुपये का पत्थर

छछरौली, 4 जून (निस) कलेसर नेशनल पार्क से सटे गांव चिक्कन में बरसाती नदी किनारे लगाए जाने वाले पत्थर के वायर क्रेट्स और स्टेनिंग वॉल के काम के लिए नियम कानूनों को ताक पर रखकर लाखों रुपये का पत्थर स्टॉक...
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छछरौली, 4 जून (निस)

कलेसर नेशनल पार्क से सटे गांव चिक्कन में बरसाती नदी किनारे लगाए जाने वाले पत्थर के वायर क्रेट्स और स्टेनिंग वॉल के काम के लिए नियम कानूनों को ताक पर रखकर लाखों रुपये का पत्थर स्टॉक किया गया है।

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नदी से गैरकानूनी तरीके से पत्थर उठाए जाने की जानकारी मिलते ही वन्य प्राणी विभाग कलेसर द्वारा काम को रुकवा दिया गया है। सिंचाई विभाग के अधिकारियों द्वारा अब वन्य प्राणी विभाग से परमिशन के लिए पंचकूला वाइल्ड लाइफ डिवीजन को पत्र लिखा गया है। गांव चिक्कन में बरसाती नदी की बाढ़ के कारण हो रहे भूमि कटाव को रोकने के लिए दो जगहों पर 38 लाख रुपये की लागत से वायर क्रेट्स लगाए जाने हैं। छोटी चिक्कन व बड़ी चिक्कन के समीप नदी की बाढ़ रोकथाम के लिए एक-एक हजार फुट लंबा स्टोन वर्क किया जाना है।

वायर कैट्स के लिए नदी से बोल्डर (मोटा पत्थर) निकाल कर नदी किनारे स्टाक किया जा रहा है। नदी से अवैध खनन कर लाखों रुपए का बोलडर का स्टॉक किया गया है। वन्य प्राणी विभाग को जैसे ही नदी से अवैध खनन कर पत्थर निकालने की भनक लगी उन्होंने तुरंत कार्रवाई करते हुए काम पर रोक लगा दी है। बता दें कि नेशनल पार्क व सेंक्चुरी एरिया में किसी भी प्रकार के खनन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है, लेकिन स्थानीय खनन माफिया पर्यावरण नियमों को ताक पर रखकर पत्थर जमा करने में लगा है। सिंचाई विभाग सब डिवीजन प्रताप नगर के जेई मनोज कुमार ने बताया कि पत्थर निकालने का काम रुकवा दिया गया है। वर्क परमिशन के लिए वन्य प्राणी विभाग के पंचकूला डिवीजन ऑफिसर को पत्र लिखा गया है।

वन्य प्राणी विभाग के जिला इंस्पेक्टर लीलू राम ने बताया कि नेशनल पार्क व सेंचुरी एरिया में किसी भी प्रकार की खनन गतिविधियों की परमिशन नहीं दी जा सकती। वाइल्ड लाइफ इंस्पेक्टर ने बताया कि सूचना मिलते ही नदी से पत्थर निकालने का कार्य तुरंत प्रभाव से बंद कर दिया गया है।

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