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करनाल गेहूं घोटाला : तीन इंस्पेक्टरों के तबादले, लेकिन छोड़ नहीं रहे सेंटर

68 लाख का गेहूं गायब करने वाला खाद्य आपूर्ति विभाग का इंस्पेक्टर गिरफ्तार
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करनाल में स्थित खाद्य आपूर्ति विभाग का कार्यालय।  -हप्र
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खाद्य आपूर्ति विभाग में भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है। इंस्पेक्टर अशोक शर्मा ने सरकारी गोदाम में रखे 68 लाख के गेहूं को गायब कर दिया। मामला सामने आने के बाद विभाग में हड़कंप मच गया। विभाग के एएफएसओ मुकेश गुप्ता की शिकायत पर कुंजपुरा थाने में शिकायत दर्ज करवाई गई। शिकायत के बाद आरोपी इंस्पेक्टर अशोक शर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया। एक शिकायत पर सीएम फ्लाइंग द्वारा डीएसपी सुशील कुमार के नेतृत्व में कुंजपुरा के सरकारी गोदाम में छापा मारा गया था, जिसमें भ्रष्टाचार सामने आया था। 50 किलो के कट्‌टों में मात्र 20 से 25 किलोग्राम गेहूं पाया गया। विस्तृत रिपोर्ट बनाकर हेड क्वार्टर भेजी गई थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए विभाग के मुख्यालय की 9 सदस्यीय टीम ने जांच की। जांच से पहले कुंजपुरा गोदाम से 4,904 कट्‌टे अर्थात 2,452 क्विंटल गेहूं गायब मिला, जो करीब 68 लाख का बनता है। जांच में हर चट्टे में कट्टे कम निकले। डीएसपी राजीव कुमार ने बताया कि खाद्य आपूर्ति विभाग के एएफएसओ मुकेश गुप्ता ने कुंजपुरा थाना में 6 सितंबर को शिकायत दर्ज करवाई थी, जांच के बाद कुंजपुरा की टीम ने 9 सितंबर को तत्कालीन इंस्पेक्टर अशोक शर्मा को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी को कोर्ट में पेश कर 5 दिन का रिमांड मांगा जाएगा। रिमांड में पता लगाया जाएगा कि आरोपी ने गेहूं को कहां बेचा और उसके साथ कौन-कौन लोग शामिल हैं।

इस तरह विभाग में कई जगह भ्रष्टाचार बड़े पैमाने पर चल रहा है, इस खेल में कई लोग जुड़े हुए हैं। हालांकि एक मामला तो सामने आ चुका है। इसके अलावा जांच कागजों में सिमटने के कारण मामले उजागर नहीं होते। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विभाग के 3 इंसपेक्टरों के तबादले कुरुक्षेत्र हो चुके हैं, बावजूद इसके करनाल सेंटर नहीं छोड़ रहे, इसके पीछे क्या खेल है, आसानी से समझा जा सकता है।

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निष्पक्ष जांच तो निकल सकते है बड़े घोटाले

ये तो एक सरकारी गोदाम की जांच हुई और 68 लाख का घोटाला निकला, अगर इसी तरह से विभाग के सभी गोदामों की जांच की जाए, तो कई बड़े घोटाले सामने आ सकते हैं। वहीं अब भी सीएम फ्लाइंग द्वारा कई गोदामों में छापेमारी की गई है, जिनमें भारी कमियां निकलकर सामने आई। तरावड़ी में तो इंस्पेक्टर अशोक की देखरेख में रखा गया करीब 21 हजार क्विंटल गेहूं खराब हो चुका था, जिसकी विभाग द्वारा ऑक्शन करवाई जाएगी, लेकिन समय रहते सही प्रकार से जांच की होती तो ये गेहूं खराब नहीं होता। इसी तरह तरावड़ी के एक गोदाम में 1500 बैग मिले हैं, ये बैग भी इंस्पेक्टर अशोक की ही देखरेख में थे।

दो माह तक भिगता रहा 6 लाख क्विंटल गेहूं, जिम्मेदारी किसकी‌ ?

विभाग के तरावड़ी के गोदाम में रखा 6 लाख क्विंटल गेहूं 2 माह खुले में बरसात में भिगता रहा, लेकिन जिम्मेदारी लेने काे कोई तैयार नहीं। स्टॉक की जिम्मेदारी थामने वालों का कहना है कि समय पर तिरपाल और दवाई नहीं मिली। जिसकी वजह से ये दिक्कत आई।

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