'देश के वीर सपूतों की शौर्यगाथा सामने लाता है कारगिल विजय दिवस'
कारगिल विजय दिवस भारत के उन वीर सपूतों की शौर्यगाथा सामने लाता है, जिन्होंने भारत देश की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। भारत देश की रक्षा एव सेेवा में कुर्बानी देने वाले जवान देशवासियों के लिए सदैव प्रेरणाशक्ति बने रहेंगे।
यह बात वेटरन संगठन भिवानी के प्रधान सूबेदार मेजर बिरेंद्र सिंह ग्रेवाल बामला ने शनिवार को कारगिल विजय दिवस पर स्थानीय नेहरू पार्क स्थित शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित कर शहीदों को नमन करते हुए कही।
कारगिल विजय दिवस पर दी शहीद जवानों को श्रद्धांजलि
इस दौरान अनेक पूर्व सैनिक मौजूद रहे, जिन्होंंने शहीद अमर रहे के जोरदार नारे लगाकर शहीदों के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट की। वेटरन संगठन भिवानी के प्रधान सूबेदार मेजर बिरेंद्र सिंह ग्रेवाल बामला ने कहा कि 26 जुलाई 1999 का वो दिन जो भारतीय सेना की जांबाजी, पराक्रम और बहादुरी के लिए जाना जाता है। इस दिन भारत ने कारिगल युद्ध में पाकिस्तानी सेना को धूल चटाई थी। भारत के सैकड़ों वीर जवानों की शहादत को याद करते हुए 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है।
3 मई 1999 से 26 जुलाई 1999 तक चली थी लड़ाई
उन्होंने कहा कि इस लड़ाई की शुरुआत 3 मई 1999 को हुई थी जब पाकिस्तान ने कारगिल की ऊंची पहाड़ियों पर 5 हजार से ज्यादा सौनिकों के साथ घुसपैठ कर कब्जा जमा लिया था। जैसे ही भारतीय जवानों को इसकी भनक लगी तो पाकिस्तानी सैनिकों को खदेड़ने के लिए ऑपरेशन विजय चलाया गया, जिसके बाद 26 जुलाई को भारत ने पाकिस्तान को युद्ध में हराया और भारत की जीत का ऐलान हुआ।