मुख्य समाचारदेशविदेशखेलबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाफीचरसंपादकीयआपकी रायटिप्पणी

Karan Dalal attacks Haryana Govt. : भ्रष्टाचार के खेल में पटवारियोंं के साथ अधिकारियों पर भी हो कार्रवाई : करण दलाल

पूर्व मंत्री बोले- पटवारियों के आगे जातिसूचक नाम लिखकर अनुसूचित जाति का किया अपमान, मंत्री व अधिकारियों पर दर्ज हो मुकदमा
पलवल में शनिवार को पत्रकार वार्ता को संबोधित करते पूर्व मंत्री करण दलाल। साथ हैं डॉ. शक्ति सिंह रावत व अन्य।-हप्र
Advertisement

पलवल, 18 जनवरी (हप्र) : हरियाणा के पूर्व कैबिनेट मंत्री करण सिंह दलाल ने राज्य सरकार द्वारा भ्रष्ट पटवारियों की जारी की गई लिस्ट पर कहा कि इस लिस्ट ने साबित कर दिया है कि किस तरह भाजपा सरकार में भ्रष्टाचार व्याप्त है। उन्होंने कहा कि केवल मात्र पटवारियों का नाम उजागर करने से काम नहीं चलेगा बल्कि इसके लिए असल जिम्मेदार डीसी व तहसीलदारों का नाम भी उजागर कर कार्रवाई की जाए, तभी भ्रष्टाचार पर अंकुश लग सकता है, क्योंकि पटवारी सीधे तौर पर तहसीलदार व डीसी के मातहत कार्य करते हैं। ऐसे मेें पहले कार्रवाई भी डीसी के खिलाफ ही बनती है कि उनकी नाक के नीचे कैसे इतना बडा भ्रष्टाचार का खेल खेला जा रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि उन्हें नहीं लगता कि इस पर काेई कार्रवाई होगी। करण दलाल शनिवार को पलवल में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। उनके साथ वरिष्ठ कांग्रेस नेता डॉ. शक्ति सिंह रावत, राजेश्वर गर्ग पूर्व चेयरमैन, महावीर तंवर भी मुख्य रूप से मौजूद थे।  पूर्व मंत्री करण दलाल ने भाजपा पर प्रदेश में जातिवाद का जहर घोलने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार द्वारा जो सूची जारी की गई है, उसमें कर्मचारियों की जातियां भी लिखी हुई हैं, जबकि सरकारी कर्मचारियों की कोई जाति नहीं होती है। सरकारी कर्मचारी तो कर्मचारी हैं। सरकार द्वारा इस लिस्ट में अनुसूचित जाति का भी अपमान किया गया है। ऐसे में सरकार के मंत्रियों और अधिकारियों के खिलाफ एससी एसटी एक्ट का मुकदमा भी दर्ज होना चाहिए।  कांग्रेस नेता ने कहा कि उनकी पार्टी भ्रष्टाचार की खिलाफ इस कथित मुहिम के खिलाफ नहीं हैं लेकिन भ्रष्टाचार का जो पैमाना बनाया गया है उसके बारे में सरकार अपनी स्थिति को स्पष्ट करे। उन्होंने कहा कि इस सूची के मुताबिक यदि प्रदेश में जमीन की पैमाइश करने, इंतकाल दर्ज करवाने, जमीन का सरकारी रिकॉर्ड ठीक करने की एवज में लोगों से धनराशि वसूल की जाती है तो उन पर कार्रवाई होनी चाहिए थी। अगर पटवारी भ्रष्ट हैं तो तहसीलदार और जिला उपायुक्त भी भ्रष्ट हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा मेें 370 पटवारियों की सूची जारी की गई है तो क्या इनके खिलाफ बड़ी कार्रवाई होगी या मात्र कुछ का इधर से उधर तबादल कर इतिश्री कर दी जाएगी।

Advertisement
Advertisement