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श्रद्धा, भक्ति और उत्साह से सराबोर हुआ कपाल मोचन

मेले में पहुंच रहे श्रद्धालु, सरोवरों में लगाई डुबकी

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यमुनानगर के बिलासपुर में स्थित कपाल मोचन मेले में सोमवार को खरीददारी करते श्रद्धालु। -हप्र
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ऐतिहासिक कपाल मोचन मेले में श्रद्धालुओं की संख्या में प्रतिदिन लगातार इजाफा हो रहा है और पूरा मेला परिसर श्रद्धा, भक्ति और उत्साह से सराबोर है। मेले में जहां देशभर के विभिन्न राज्यों से हिंदू श्रद्धालु भाग लेते हैं वहीं पंजाब सहित देश के अन्य राज्यों से सिख श्रद्धालु भी भाग लेते हैं, क्योंकि यहां भगवान शिव, श्रीराम, व भगवान कृष्ण से जुड़ा इतिहास मिलता है, वहीं गुरु नानक देव एवं गुरु गोविंद सिंह भी इस पवित्र धरती पर आए, इस तरह के साक्ष्य मौजूद है। इसीलिए इस तीर्थ स्थल को हिंदू सिख एकता का प्रतीक कहा गया है।

जिला प्रशासन श्रद्धालुओं की सुविधाओं, सुरक्षा और व्यवस्था को लेकर पूरी तरह मुस्तैद है। बच्चे, युवा और बुजुर्ग सभी मेले में झूलों का आनंद ले रहे हैं तथा तीनों पवित्र सरोवरों में श्रद्धा की डुबकी लगाकर पुण्य लाभ प्राप्त कर रहे हैं। मेले में मोगा व अन्य स्थानों से पहुंचे श्रद्धालुओं ने तीनों सरोवरों में डुबकी लगाई।

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पंजाब के जिला मोगा के गांव पतोहीरा सिंह के रहने वाले राजू सिंह, गुरप्रीत सिंह व बिन्दर ने बताया कि वे अपने अपने परिवारों के साथ पिछले लगभग 25-30 वर्षों से व्यासपुर में होने वाले मेला कपाल मोचन में मनचाही मुरादें मांगने आते हैं और इस पवित्र स्थल पर जो भी मन्नत मांगी जाती है वह पूरी होती है।

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उन्होंने बताया कि हर बार वह अपने परिवार के साथ कपाल मोचन मेले में स्नान करने आते है और यहां तीनों सरोवरों में स्नान करते हैं।

इसी प्रकार जिला मानसा से आई गुरप्रीत कौर, संतोष कौर व अन्य ने बताया कि उन्हें इस पवित्र स्थल पर आकर बहुत ही अच्छा लगता है। वे कहते है कि इस मेले में जहां स्नान के अलावा गुरु बाणी, शब्द, कीर्तन सुनने को मिलता है तथा गुरु का लंगर चखने को मिलता है। उन्होंने मेले के आयोजकों का भी धन्यवाद करते हुए कहा कि इस मेले में प्रशासन की तरफ से बेहतरीन सुविधाएं मुहैया करवाई गई हैं।

मेला प्रशासक एवं उपमंडल अधिकारी जसपाल सिंह गिल ने क्षत्रीय राजपूत धर्मशाला व्यासपुर में बाबा बंसी वाले अन्नपूर्णा आश्रम समिति, हरिद्वार द्वारा संचालित भंडारे का निरीक्षण किया। उन्होंने भंडारे की रसोई व्यवस्था, साफ-सफाई और श्रद्धालुओं के लिए की गई सुविधाओं का बारीकी से आकलन किया।

मेला प्रशासक ने स्वयं भी भंडारे का प्रसाद ग्रहण किया और समिति द्वारा की जा रही सेवा की प्रशंसा की। भंडारे में आधुनिक मशीनों की सहायता से प्रतिदिन लगभग एक क्विंटल आटे से रोटियां व पूरियां तैयार की जाती हैं।

मेला श्रद्धालुओं के लिए सजने लगी धातु नगरी

जगाधरी (हप्र) : कपाल मोचन मेला कल संपन्न हो जाएगा। मेले से वापस लोटने वाले श्रद्धालु बर्तन खरीदना शुभ मानते हैं। इसे लेकर बर्तन बाजार में करोड़ों का कारोबार होता है। श्रद्धालुओं के लिए धातु नगरी जगाधरी सजने लगी है। इसे लेकर रेलवे बाजार, मटका चौक रोड आदि पर बर्तन बिक्री के स्टाल लगने शुरू हो गये हैं। सोमवार को भी काफी श्रद्धालु बर्तनों की खरीदारी करने बाज़ार पहुंचे। हालांकि पांच नवंबर को यहां श्रद्धालुओं का भारी रेला लगेगा। बर्तनों की ज्यादा खरीदारी पंजाब से आने वाले श्रद्धालु करते हैं।

अम्बाला बस स्टैंड पर बसों का इंतजार करते रहे लोग

अम्बाला शहर (हप्र) : ऐतिहासिक कपाल मोचन मेले को लेकर अंबाला बस स्टैंड पर भीड़ देखने को मिल रही है। बस स्टैंड पर लोग मेले में जाने के लिए बस का इंजतार करते दिखे। जब बस पहुंची तो बुजुर्ग बस में चढ़ने के लिए परेशान होते रहे। दरअसल, मेला कपाल मोचन के लिए अम्बाला छावनी बस स्टैंड से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते जाते हैं। बेशक कपाल मोचन मेला शुरू हो चुका है लेकिन अंबाला में रोडवेज की व्यवस्था नाकाफी दिख रही है। अंबाला कैंट बस स्टैंड पर लोग बसों के इंतजार में परेशान दिखे।

इसी बीच जीएम रोडवेज अम्बाला अश्वनी डोगरा अंबाला कैंट से 80 बसों की व्यवस्था का दावा कर रहे हैं लेकिन लोगों की परेशानी साफ बता रही है कि व्यवस्था और दावे सब फेल हैं। जीएम ने बताया व्यवस्था पूरी है, यात्रियों को कोई परेशानी नहीं हो रही।

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