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पतंगबाजी से घायल पक्षियों का इलाज कर रहा जिओ मंगलम

बेजुबानों को दे रहे जीवनदान... 23 सालों से घायल और बीमार पक्षियों का निशुल्क कर रहे इलाज
जिओ मंगलम संस्थान में बीमार और घायल पक्षी। -हप्र
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रमेश सरोए/ हप्र

करनाल, 3 फरवरी

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बसंत पंचमी पर्व पर लाेगों की पतंगबाजी बेजुबान पक्षियों के लिए आफत बन गई। पंतगबाजी में इस्तेमाल चाइनिज डोर से काफी पक्षी उलझकर घायल हो गए, कईयों ने दम तोड़ दिया।

आसपास के लोगों ने घायल पक्षियों को सेक्टर-6 स्थित जिओ मंगलम में पहुंचाया। जहां घायल पक्षियों का इलाज चल रहा है। यूं तो बसंत पंचमी खुशियों और उमंग का त्योहार है, लेकिन त्योहार के समय आसमान में उड़ती पतंगे पक्षियों को घायल कर उन्हें जीवन भर के लिए अपंग बना देती है और कई बार तो उनके जीवन पर भी बन आती है। पतंगों की डोर से गली-कुचों में घायल पड़े पक्षियों के लिए करनाल के सेक्टर-6 में स्थित जीवो मंगलम संस्थान किसी वरदान से कम नहीं है। यहां पतंगों की डोर में फंस कर घायल पक्षियों का पक्षियों के अस्पताल में उनका पूरा इलाज किया जाता है। इलाज के बाद संस्थान कर्मी पक्षियों को आसमान में उड़ने के लिए छोड़ देते हैं।

साध्वी अर्चिता ने बताया कि जिओ मंगलम संस्थान पिछले 23 वर्षों से घायल और बीमार पक्षियों का नि:शुल्क इलाज कर रहा है। बसंत पंचमी एक पावन पर्व है, लेकिन कुछ लोग इसमें अपना आनंद देखना चाहते हैं और बेजुबान जीवों को अपनी जिंदगी से खेलना पड़ता है। कल से लेकर आज तक हमारे पास करीब 10 पक्षी घायल अवस्था में यहां पहुंचे हैं। जिसमें दो-तीन बड़े-बड़े उल्लू हैं, उनके बच्चे और 2 के करीब कबूतर घायल अवस्था में यहां पहुंचे हैं। एक उल्लू गंभीर अवस्था में था, उसे हमने वन विभाग को सौंप दिया।

बेजुबान पक्षियों को बचाने के लिए पतंगबाजी कम करें

साध्वी अर्चिता ने लोगों से इन बेजुबान पक्षियों को बचाने के लिए पतंगबाजी कम करने और खतरनाक डोर का इस्तेमाल न करने की अपील की। उन्होंने कहा की हमें अपनी खुशियों की खातिर किसी अन्य जीव की जान से खलने का अधिकार नहीं है।

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