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हर सनातनी हिंदू के घर में गीता होना जरूरी : स्वामी ज्ञानानंद

स्थानीय कांशी गिरी मंदिर में 73वें वार्षिक उत्सव पर दिव्या गीता सत्संग के द्वितीय दिवस पर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद ने कहा कि घर-घर गीता हर घर गीता यही एक सनातनी हिंदू की पहचान है। हर घर में श्रीमद्भागवत गीता...
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स्थानीय कांशी गिरी मंदिर में 73वें वार्षिक उत्सव पर दिव्या गीता सत्संग के द्वितीय दिवस पर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद ने कहा कि घर-घर गीता हर घर गीता यही एक सनातनी हिंदू की पहचान है। हर घर में श्रीमद्भागवत गीता का होना अनिवार्य है, जिससे वह अपनी संस्कृति से जुड़ा रहता है। उन्होंने कहा कि आज के युवा बच्चों को भी श्रीमद्भागवत गीता के प्रति रुचि रखनी चाहिए क्योंकि श्रीमद्भागवत गीता को अपनाकर ही अपने जीवन को सफलता के क्षेत्र में बहुत ऊंचाइयों तक जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत गीता हमें जीवन को जीने का ढंग सिखाती है। जीवन किस प्रकार से जीना चाहिए, यह गीता से सीखा जा सकता है। दिव्या गीता सत्संग में मुख्य रूप से मुरथल वाले स्वामी दयानंद सरस्वती, ब्रह्म ऋषि श्रीनाथ, अवध धाम से पंडित राधे राधे, प्रेम मंदिर से माता कांता महाराज उपस्थित रहे। श्री कृष्ण कृपा जिओ गीता सेवा समिति की ओर से अध्यक्ष सूरज दूरेजा, चंद्रशेखर शर्मा, विभु पालीवाल, एसपी बंसल, विकास गोयल, ललित गोयल, अंकुश बंसल, अनिल मदान, राजकुमार झाम्ब, प्रीतम गुर्जर, गुलशन चुघ, अमरनाथ गुप्ता, रवि शर्मा मुख्य रूप से उपस्थित रहे। मौके पर गजेंद्र सलूजा. नवीन भाटिया, चेतन तनेजा, सतीश गोयल व हरीश खुराना मौजूद रहे।

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