विद्यार्थियों का बौद्धिक व शारीरिक विकास भी जरूरी : देवव्रत
गुजरात एवं महाराष्ट्र के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि भारत के भविष्य को उन्नति की ओर ले जाने के लिए हमें केवल अक्षर ज्ञान तक सीमित नहीं रहना होगा बल्कि बच्चों का शिक्षा के साथ-साथ बौद्धिक व शारीरिक विकास भी करना होगा और उन्हें संस्कारवान बनाना होगा। आज समाज के सामने बड़ी चुनौती ये है कि युवा पीढ़ी में नशे की लत बढ़ रही है, मोबाइल का जहर बच्चों के दिमाग को कुत्सित कर रहा है, कुसंगति बालकों को घर रही है। ऐसा माहौल बनाना होगा जिससे की बच्चे इन बुराइयों से दूर रह सकें। राज्यपाल बृहस्पतिवार को घरौंडा के आर्य वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के सालाना समारोह में बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे। उन्होंने स्कूल परिसर में लगाई प्रदर्शनी का अवलोकन किया। मेधावी विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया। वार्षिकोत्सव में विद्यार्थियों ने भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए।
आचार्य देवव्रत ने कहा कि मानव जीवन में शिक्षा का बहुत महत्व है। घर में एक बच्चा भी शिक्षित होकर अच्छे मुकाम पर पहुंच जाए तो पूरे परिवार के भाग्य को बदल देता है। आर्य स्कूल की स्थापना से पहले घरौंडा क्षेत्र शिक्षा में काफी पिछड़ा हुआ माना जाता था। आसपास के 20-25 किमी के दायरे में रहने वाले अभिभावकों के सामने बच्चों को उन्नत और उच्च शिक्षा दिलाने को लेकर गंभीर समस्या थी। शिक्षा क्षेत्र के इस खालीपन को प्रबंध समिति के प्रधान जगदीश आर्य ने यहां आर्य स्कूल की स्थापना करके भरा। आज आर्य स्कूल में घरौंडा के अलावा करनाल और पानीपत के सेक्टरों के बच्चे भी पढ़ने आते हैं। उन्होंने शिक्षा क्षेत्र में बच्चों के चहुंमुखी विकास के लिए चलाई जा रही मुहिम के लिए प्रबंध समिति के अध्यक्ष, प्रिंसिपल व स्टाफ सदस्यों को बधाई दी।
आचार्य देवव्रत ने कहा कि आर्य सीनियर सेकेंडरी स्कूल घरौंडा, गुरुकुल नीलोखेड़ी, गुरुकुल कुरुक्षेत्र, गुरुकुल ज्योतिसर और चमन वाटिका अम्बाला में अलग-अलग राज्यों के करीब 7 हजार विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। यह प्रयास रहता है कि इन संस्थानों में पढ़ने वाला बच्चा शिक्षा के साथ-साथ उच्च विचारधारा से परिपूर्ण हो। प्रबंध समिति के प्रधान जगदीश आर्य ने राज्यपाल का आभार जताया। इस मौके पर प्रिंसिपल जितेंद्र सिंह के अलावा प्रबंध समिति के सचिव महेंद्र सिंह, बलजीत सिंह आर्य, डॉ. राजेंद्र विद्यालंकार, शिव कुमार, प्रो. भाग सिंह आर्य मौजूद रहे।
