Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

अफसरों के साथ सांठ-गांठ कर किसानों को लूट रही बीमा कंपनियां : नथवान

किसान संघर्ष ने प्रशासन को दी आंदोलन की चेतावनी

  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
featured-img featured-img
फतेहाबाद में पत्रकारों से बातचीत करते किसान संघर्ष समिति के नेता।   -हप्र
Advertisement

पगड़ी संभाल जट्टा किसान संघर्ष समिति के प्रदेशाध्यक्ष मनदीप नथवान ने कहा कि बीमा कंपनियों की मनमानी के चलते किसानों को अभी तक मुआवजा नहीं मिला। फतेहाबाद, रतिया और भट्टू में किसानों की फसल बारिश से पूरी तरह बर्बाद हो गई है, लेकिन बीमा कंपनियां कृषि विभाग के अधिकारी अधिकारियों के साथ सांठ-गांठ करके ऑब्जेक्शन लगाकर किसानों को क्लेम देने में आनाकानी कर रही हैं, जिसे किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इन गांवों के किसानों को एकजुट कर आंदोलन चलाया जाएगा। इस मामले में जिलेभर के किसान 29 अक्तूबर को डीसी से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपेंगे।

फतेहाबाद में शनिवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए राज्य प्रधान मनदीप नथवान और महासचिव संदीप सिवाच ने कहा कि भट्टू इलाके में कपास, बाजरे, मूंग की फसल में नुकसान हुआ है। बीमा कंपनी कृषि अधिकारियों के साथ मिलकर किसानों की दिवाली काली करने जा रही है। नुकसान को बहुत थोड़ा दर्शाया गया है। 23 गांवों में से 21 गांवों में बीमा कंपनी ने ऑब्जेक्शन लगा दिया है, जिस कारण इन गांवों का क्लेम बनेगा नहीं या फिर नाममात्र क्लेम दिया जाएगा। इससे किसानों को भारी नुकसान होगा। उन्होंने बताया कि गांव जांडवाला बागड़, बनमंदौरी, ढिंगसरा, ढाबी कलां, सरवरपुर, सुलीखेड़ा, बोदीवाली, ठुइयां, खाबड़ा कलां, ढाबी खुर्द, पीलीमंदौरी, दैयड़, किरढ़ान, भट्टूकलां, गदली, खाबड़ा खुर्द, रामसरा, कुकडांवाली, शेखुपुर दड़ौली, रतिया के गांव हसंगा, अहरवां, ब्राह्मणवाला, हांसपुर, अजीतनगर गंदा, फतेहाबाद के गांव खाराखेड़ी, धांगड़, भूथनकलां, झलनियां, बड़ोपल, बीघड़, मानावाली, नागपुर, रत्ताखेड़ा, इंदाछडोई, भड़ोलावाली में किसानों के साथ अन्याय किया जा रहा है। उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों पर बीमा कम्पनियों के साथ सांठ-गांठ के गंभीर आरोप लगाए और कहा कि किसानों का नुकसान ज्यादा हुआ है लेकिन इन्हें कम दिखाया जा रहा है।

Advertisement

इसके अलावा किसान नेताओं ने कहा कि पराली में आग को रोकने के लिए बड़ी टीमें गठित की जा रही है, मगर किसान को नुकसान हो रहा है, उसको देखने पटवारी तक नहीं जाता। किसानों पर पराली न जलाने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। पोर्टल पर फसल न बिकने की धमकी दी जा रहा है। उन्होंने कहा कि संसाधनों के अभाव में किसान मजबूरी में पराली जलाते हैं। इसके लिए किसान नहीं बल्कि प्रशासन जिम्मेदार है। पगड़ी संभाल जट्टा किसान संघर्ष समिति ने चेतावनी दी है कि अगर पराली जलाने वाले किसानों पर एफआईआर दर्ज की गई तो आंदोलन होगा। इस अवसर पर संदीप सिवाच, ओम प्रकाश हसंगा, महेंद्र मोची, मलकीत उप्पल, सुरजीत उप्पल, लवी बाठ, सुरेश गढ़वाल, निशान सिंह, छबीलदास, कपिल व रामपाल मौजूद रहे।

Advertisement

Advertisement
×